भारत सरकार Deepfake के खतरे को गंभीरता से ले रही है. दरअसल केंद्रीय सूचना टेक्नोलॉजी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि ''डीपफेक एक गंभीर खतरा है जो लोकतंत्र और समाज को नुकसान पहुंचा सकता है''साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार इसके लिए सख्त नियमों लागू करने की योजना बना रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा- डीपफेक का उपयोग राजनीतिक अभियानों, चुनावों में हस्तक्षेप करने या किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है
डीपफेक एक गंभीर खतरा है क्योंकि यह गलत सूचना फैलाने और लोगों को भ्रमित करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. डीपफेक का उपयोग राजनीतिक अभियानों, चुनावों में हस्तक्षेप करने या किसी व्यक्ति की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है.
अश्विनी वैष्णव के बयान से स्पष्ट है कि भारत सरकार डीपफेक के खतरे को गंभीरता से ले रही है. सरकार डीपफेक का पता लगाने, रोकने और रिपोर्टिंग मैकेनिज्म को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने की योजना बना रही है.
सरकार डीपफेक के खिलाफ नए नियम बनाने पर विचार कर रही है. अश्विनी वैष्णव ने कहा, "जब हम नियम बनाते हैं, तो हमें अपलोड करने वाले या बनाने वाले व्यक्ति के साथ-साथ प्लेटफ़ॉर्म को भी दंडित करना होगा.
इसके साथ ही वैष्णव ने गुरुवार को मेटा, गूगल और अमेजन समेत टेक इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इस बैठक में डीपफेक कंटेंट से निपटने के बारे में चर्चा हुई. वैष्णव ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को डीपफेक कंटेंट के खिलाफ अधिक सक्रिय होने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि डीपफेक कंटेंट से होने वाला नुकसान तत्काल हो सकता है, और यहां तक कि थोड़ी देर से प्रतिक्रिया भी प्रभावी नहीं हो सकती है.
यह भी देखें: Honor ने लॉन्च किए, 100W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट और 16GB तक रैम वाले फोन्स