भारत में स्मार्टफोन के मामले में, ज्यादातर डिवाइस विदेशी ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्भर करते हैं. जैसे गूगल, ऐपल और चाइनीज और कोरियन ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है. 95.2% स्मार्टफोन गूगल एंड्रॉइड, 3.93% ऐपल के iOS, और 0.05% KaiOS और सैमसंग के ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करते हैं.
इसका मतलब है कि चाहे आप कोई भी फोन खरीदें, उसमें दूसरे देश का ऑपरेटिंग सिस्टम होगा.
वर्तमान में, स्मार्टफोन बाजार में Apple और Google का दबदबा है. इन कंपनियों के ऑपरेटिंग सिस्टम, iOS और Android, दुनिया भर में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम हैं.
रिपोर्टों के अनुसार, Lava स्मार्टफोन में BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा. यह ऑपरेटिंग सिस्टम IIT Madras द्वारा विकसित किया गया है और यह पूरी तरह से भारत में ही बनाया गया है.
BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम भारत के आत्मनिर्भर भारत विजन को मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. यह ऑपरेटिंग सिस्टम भारत को स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 6 महीनों में भारत में लगभग 500 लावा डिजाइन और मैन्युफैक्चर्ड फोन होंगे जो BharOS पर चलेंगे. लावा के रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम के प्रेसिडेंट ऋषि भटनागर के अनुसार, BharOS आने वाले दिनों में भारतीय स्मार्टफोन इंडस्ट्री को पूरी तरह से बदल देगा.
स्मार्टफोन Google के Android OS के बजाय ऑपरेटिंग सिस्टम BharOS का उपयोग करेंगे. यह माना जा रहा है कि यदि यह विकास सफल होता है, तो यह स्मार्टफोन इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा बदलाव होगा.
आने वाले समय में BharOS ऑपरेटिंग सिस्टम बेस्ड स्मार्टफोन एक नया विकल्प पेश करेंगे, जो न केवल डेटा प्राइवेसी के लिहाज से बेहतर होंगे, बल्कि उनकी कीमत भी बाकी OS बेस्ड स्मार्टफोन से कम होगी.