दिल्ली में अब ओला-उबर (Ola-Uber) जैसी मोबाइल ऐप आधारित टैक्सी (mobile app based taxi) पीक आवर्स या यूं कहें कि व्यस्त समय में अधिक किराया नहीं वसूल सकेंगी. दिल्ली परिवहन विभाग (Delhi Transport Department) ने ऐप आधारित टैक्सी चलाने वालों के लिए नई नीति तैयार की है. जिसमें सरचार्ज के प्रावधान को ही खत्म कर दिया गया है. पहले इसमें प्रावधान था कि टैक्सी संचालक तय किराये से अधिकतम दोगुना तक सरचार्ज (surcharge) वसूल सकते हैं. केजरीवाल सरकार ने नई नीति को अंतिम रूप दे दिया है और इसी हफ्ते इस पर जनता की राय भी ली जाएगी.
क्या होता है सरचार्ज
अगर किसी एक जगह पर टैक्सी बुकिंग की मांग बहुत ज्यादा आ रही है और मांग के मुताबिक टैक्सी कम हैं तो उसका किराया बढ़ा दिया जाता है. यानी, अधिक भुगतान करने वाले ग्राहक को ही टैक्सी सेवा दी जाती है. इसे सरचार्ज या सर्ज प्राइसिंग कहते हैं. यह ज्यादातर पीक आवर्स (सुबह सात से 11 और शाम पांच से आठ बजे के बीच ) या फिर देर रात लागू होता है, जब सड़कों पर भीड़ ज्यादा होती है.