अगर आप भी गूगल ट्रांसलेट का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए है. एक रिपोर्ट के अनुसार Google Translate के फर्जी ऐप को डाउनलोड करने के कारण एक लाख से ज्यादा लोग मैलवेयर का शिकार हो गए.
फेक ऐप से होता है इनस्टॉल
दरअसल सिक्योरिटी रिसर्च फर्म चेक प्वाइंट रिसर्च ने रिपोर्ट जारी की है जिसमे बताया गया है कि गूगल ट्रांसलेट के फेक ऐप को डाउनलोड करके लोगों के कंप्यूटर में क्रिप्टो माइनिंग मैलवेयर (crypto mining malware) पहुंच गया है.
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कैसे करता है काम
रिपोर्ट के अनुसार इस मैलवेयर का नाम ‘Nitrokod' है जो कि गूगल ट्रांसलेट के एक फेक ऐप को इनस्टॉल करने के कारण लोगों के सिस्टम में पहुंचा है. जैसे ही ये मैलवेयर किसी लैपटॉप या कंप्यूटर में इंस्टॉल होता है इसके बाद यह क्रिप्टो माइनिंग शुरू कर देता है.
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यह मैलवेयर खुद ही कंप्यूटर में माइनिंग के लिए पूरा सेटअप तैयार करता है और Monero नाम की क्रिप्टोकरेंसी माइन करता है. इससे पहले कंप्यूटर की परफॉरमेंस घटती है और बाद में सिस्टम ही करप्ट हो जाता है.
1 लाख से ज्यादा सिस्टम प्रभावित
बता दें इस मैलवेयर को इस तरह से बनाया गया है कि यह एक्सेस लेने के बाद एक्सेस को हाईड भी कर देता है. इंटरनेट पर इस मैलवेयर का नाम ‘Google Translate Desktop download' है और यह गूगल सर्च में पहले नंबर पर भी आता है. इस मैलवेयर ने अब तक 11 देशों के सिस्टम्स को प्रभावित किया है.