देश में यूपीआई लेनदेन की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में काफी ग्रोथ देखी गई है. वित्त वर्ष 21-22 में रजिस्टर्ड UPI लेनदेन करीब 45 बिलियन थे, जो पिछले 3 वर्षों में 8 गुना ग्रोथ और पिछले 4 वर्षों में 50 गुना की ग्रोथ है.
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने कर्रेंट वित्त वर्ष के लिए रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना शुरू की है. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत किसानराव कराड ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही.
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मंत्री ने कहा कि 2018-19 से पिछले चार वर्षों के दौरान डिजिटल भुगतान की मात्रा में 200% से अधिक की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 21-22 में पंजीकृत UPI लेनदेन 45 बिलियन थे, जो पिछले 3 वर्षों में 8 गुना वृद्धि और पिछले 4 वर्षों में 50 गुना वृद्धि दर्शाता है.
मंत्री ने कहा कि यह योजना रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य (यानी 2 रुपये तक) के व्यक्ति-से-व्यापारी (पी2एम) लेनदेन का उपयोग करके पॉइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) और ई-कॉमर्स लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए भीम-यूपीआई प्लेटफॉर्म पर बैंकों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है. यह योजना किफायती और उपयोगकर्ता के अनुकूल डिजिटल भुगतान समाधान के रूप में UPI लाइट और UPI 123 PAY को भी बढ़ावा देती है. MeitY ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए योजना के लिए 2,600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.
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मंत्री ने कहा कि प्रोत्साहन योजना ने बैंकों को एक मजबूत डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और RuPay डेबिट कार्ड और BHIM-UPI को कम लागत वाले डिजिटल भुगतान मोड के रूप में बढ़ावा देने के लिए डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया है.
मंत्री ने बताया कि डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने और देश में डिजिटल भुगतान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकार, आरबीआई, एनपीसीआई और बैंकों द्वारा कई पहल की गई हैं. इससे पहलें BHIM-UPI, UPI-123, आधार पेमेंट ब्रिज, AePS आदि शामिल हैं.