मुंबई क्रूज़ पर रेव पार्टी (Mumbai Drugs Case) पर रेड के मामले ने अब सियासी रूप ले लिया है. इस मामले में नारकोटिक्स क्राइम ब्यूरो पर लगातार सवाल उठा रहे एनसीपी के नवाब मलिक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अब एनसीबी के काम काज के तरीके पर संगीन आरोप लगाए हैं. मलिक ने मलिक ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि रेड के बाद एनसीबी के अफसर समीर वानखेड़े ने कहा था कि इस मामले में 8-10 लोगों को हिरासत में लिया गया है. लेकिन सच्चाई ये है कि इस केस में कुल 11 लोगों को हिरासत में लिया गया था और ऋषभ सचदेवा, प्रतीक गाबा और आमिर फर्नीचरवाला को छोड़ दिया गया, मलिक ने पूछा है कि इन तीनों लोगों को किस के निर्देश पर छोड़ा गया.
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मलिक ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं के दबाव के बाद इन तीन लोगों को छोड़ा गया. मलिक ने कहा कि मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल के इस मामले की स्वतंत्र जांच करनी चाहिए और जरूरत पड़ने पर छापेमारी की जांच के लिए आयोग का गठन किया जाना चाहिए. बता दें कि, हालांकि अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर एनसीबी (NCB) ने सफाई दी भी है. एनसीबी के डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि एजेंसी बिना भेदभाव के काम करती है. नवाब मलिक की ओर से लगाए गए 11 लोगों को हिरासत में लेने के आरोप पर उन्होंने कहा कि इस मामले में14 लोगों को एनसीबी दफ्तर लाया गया था, उनसे पूछताछ के बाद सबूतों के अभाव में 6 लोगों को छोड़ दिया गया और 8 की गिरफ्तारी की गई. एनसीबी ने मुंबई से गोवा जा रहे एक क्रूज़ पर रेड की थी, इसी के तहत शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान समेत कई दूसरे लोगों को किया था.
हालांकि अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर एनसीबी (NCB) ने सफाई दी भी है. एनसीबी के डिप्टी डीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि
एजेंसी बिना भेदभाव के काम करती है. नवाब मलिक की ओर से लगाए गए 11 लोगों को हिरासत में लेने के आरोप पर उन्होंने कहा कि इस मामले में14 लोगों को एनसीबी दफ्तर लाया गया था, उनसे पूछताछ के बाद सबूतों के अभाव में 6 लोगों को छोड़ दिया गया और 8 की गिरफ्तारी की गई.