कोरोना महामारी ने समाज के लगभग हर तबके को किसी ना किसी तरह से प्रभावित किया है. खासतौर पर बुज़ुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) पर इसका सबसे अधिक असर पड़ा है, विशेष तौर पर उन बुज़ुर्गों पर जो अकेले रहते हैं. बुज़ुर्गों के मेंटल हेल्थ को लेकर हुई स्टडी जर्नल नेचर एजिंग में छापी गई है.
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स्टडी के लिए रिसर्चर्स ने Canadian Longitudinal Study on Aging (CLSA) के आंकड़ों का इस्तेमाल किया और ये पता लगाने की कोशिश की गई कि मार्च 2020 के शुरुआती लॉकडाउन ने किस तरह से लोगों के स्वास्थ्य से जुड़े फैक्टर्स को प्रभावित किया. रिसर्चर्स ने अपनी इस स्टडी में पाया कि 50 साल या इससे अधिक उम्र के 43 प्रतिशत वयस्कों ने कोरोना महामारी की शुरुआत में मीडियम या हाई लेवल के डिप्रेशन (Depression) संबंधी लक्षणों का समाना किया और ये समय के साथ बढ़ता गया.
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स्टडी को लेकर रिसर्चर्स ने निष्कर्ष निकाला कि, कुल मिलाकर बुज़ुर्ग वयस्कों में महामारी से पहले की तुलना में महामारी के दौरान डिप्रेशन के लक्षणों की आशंका दोगुनी पाई गई. इसके अलावा पहले से कम आय और खराब स्वास्थ्य वाले लोगों में भी उन दिनों डिप्रेशन अधिक देखने को मिला.
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