आने वाले तीन दशकों में हर चार में से एक व्यक्ति की सुनने की क्षमता में कमी आ सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO ) की एक रिपोर्ट में इसको लेकर दुनिया को आगाह भी किया गया है और साथ ही इस पर चिंता जताते हुए जरूरी कदमों को उठाने की अपील भी की गई है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि संक्रमण, रोग, जन्म दोष, बढ़ते शोर और बदलती जीवन शैली के कारण पैदा हो रही कई समस्याओं को इस क्षेत्र में ज्यादा निवेश के साथ इसके बेहतर इलाज की सुविधा मुहैया कराकर रोका जा सकता है. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि आने वाले समय में इन बीमारियों के इलाज पर करीब 100 रुपये प्रति व्यक्ति/प्रति वर्ष तक का खर्च आएगा. इस लिहाज से विश्व को अरबों डॉलर का नुकसान हर वर्ष उठाना पड़ेगा. इसकी वजह ये भी है कि इस समस्या पर पहले कभी ध्यान नहीं दिया गया. रिपोर्ट में ऐसे मरीजों की संभावित संख्या 2.5 अरब बताई गई है. वहीं साल 2019 में ये संख्या 1.9 अरब थी. इसमें भी 70 करोड़ लोग वर्ष 2050 तक गंभीर समस्या से पीडि़त हो सकते हैं.