इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दूसरे धर्म में शादी के मामले में सख्त टिप्प्णी की है. कोर्ट ने कहा कि बालिग होने पर व्यक्ति अपनी इच्छा से और अपनी शर्तों पर जिंदगी जी सकता है. दरअसल हाईकोर्ट ने एटा जिले की एक युवती द्वारा दूसरे धर्म के व्यक्ति से शादी करने को जायज ठहराते हुए, उसे हिफाजत से उसके पति के घर पहुंचाने का आदेश भी दिया. 18 दिसंबर को लड़की की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता हाईस्कूल के प्रमाण पत्र के मुताबिक बालिग हो चुकी है, और उसे अपनी इच्छा और शर्तों पर जीवन जीने का हक है. बता दें कि एटा की सीएजेएम कोर्ट ने लड़की को सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया था, जिसने उसे उसके घर वालों को दे दिया था.