अगर आपको दिल से जुड़ी कोई परेशानी है और आप हर छोटी परेशानी के लिए एस्पिरिन लेने के आदि है तो सावधान हो जाइये. क्योंकि एक नई स्टडी के मुताबिक, एस्पिरिन लेने से हार्ट बीट रुकने का खतरा 26 प्रतिशत तक बढ़ सकता है. स्टडी के निष्कर्ष ESC हार्ट फेल्योर जर्नल में छापे गए थे.
यह भी देखें : Peanuts and Heart health: स्टडी में दावा - हर रोज़ 4-5 मूंगफली खाने से दिल की बीमारी का ख़तरा होता है कम
इस रिसर्च में 30 हज़ार 827 लोग शामिल थे जिनकी औसत उम्र 67 साल थी और हार्ट बीट रुकने का खतरा था. रिसर्चर्स ने जेंडर, उम्र, BMI यानि बॉडी मास इंडेक्स, स्मोकिंग और एल्कोहल हैबिट्स, ब्लड प्रेशर, हार्ट बीट, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज़ और दिल की बीमारी, इन सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए एस्पिरिन के इस्तेमाल और हार्ट फेल्योर की घटनाओं का विश्लेषण किया.
कुल 7,698 वॉलंटियर्स यानि 25 प्रतिशत एस्पिरिन ले रहे थे. करीब 5 साल के दौरान, 1,330 प्रतिभागियों ने हार्ट फेल्योर खतरे को विकसित किया. सभी फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुये ये सामने आया कि एस्पिरिन लेना हार्ट फेलियर के 26 प्रतिशत रिस्क से जुड़ा था.
यह भी देखें : रेड मीट का शौक कहीं बढ़ा ना दे दिल की बीमारी का खतरा, जानिये क्या कहती है रिसर्च
निष्कर्षों के मुताबिक, एस्पिरिन नहीं लेने वालों की तुलना में हार्ट फेल्योर का ख़तरा उन लोगों में अधिक था, जो एस्पिरिन दवा लेते थे.
और भी देखें : बहुत अधिक और बहुत कम नींद लेने से दिल की बीमारी का खतरा: स्टडी