भारतीय टेलीकॉम सेक्टर (Indian Telecom Sector) एकाधिकार की तरफ बढ़ रहा है. दरअसल भयंकर कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone-Idea) के अस्तित्व पर सवाल खड़े हो गए हैं. आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Mangalam Birla) इस कंपनी में अपनी प्रमोटर हिस्सेदारी छोड़ने को तैयारी कर रहे हैं. बिड़ला ने इस बाबत कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा है.
बिड़ला ने कहा है कि वे किसी भी सरकारी या घरेलू वित्तीय कंपनी को अपनी हिस्सेदारी देने को तैयार हैं. बता दें कि कुमार मंगलम की कंपनी में 27 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं ब्रिटेन की कंपनी वोडाफोन पीएलसी में उनकी 44 फीसदी हिस्सेदारी है. वोडाफोन इंडिया पर करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है.
बिजनेस स्टैंडर्ड के मुताबिक कैबिनेट सटिव राजीव गाबा को लिखे पत्र में बिड़ला ने कहा कि सरकार को इसके लिए जल्द कदम उठाने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह कंपनी पर अपना नियंत्रण भी छोड़ने के लिए तैयार हैं। वे अपनी हिस्सेदारी किसी सरकारी या घरेलू वित्तीय कंपनी को देना चाहते हैं. जाहिर है ऐसा होने पर मार्केट में JIO और एयरटेल (Jio and Airtel) के अलावा दूसरी बड़ी निजी कंपनी बचेगी ही नहीं.
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