Chhath Puja 2021: जानिये क्या है डूबते सूर्य और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का समय

Updated : Nov 09, 2021 18:51
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Editorji News Desk

छठ महापर्व हिन्दू आस्था का ऐसा पर्व है जिसमें मूर्ति पूजा नहीं होती बल्कि इसमें डूबते और उगते सूर्य की उपासना की जाती है. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाय-खाय से होती है, नहाय-खाय के बाद पंचमी को खरना होता है. इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं और शाम में गुड़ वाली खीर का प्रसाद बांटकर खाती हैं, इसके बाद अगले दिन अस्ताचलगामी सूर्य यानि डूबते सूरज और उसके अगले दिन उदीयमान सूर्य यानि उगते सूरज को अर्घ्य देकर इस व्रत का समापन होता है.

इस साल अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का वक्त 10 नवंबर को शाम 5.30 बजे और उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण करने का समय 11 नवंबर सुबह के 6:40 बजे है. धार्मिक दृष्टिकोण से ये व्रत संतान प्राप्ति और सुखी जीवन की कामना के लिए किया जाता है. वहीं आध्यात्म के लिहाज़ से मन को तामसिक प्रवृत्ति से बचाने के लिए इस पर्व को मनाने की परंपरा है. 

यह भी देखें: Chhath Puja 2021: कब है आस्था का महापर्व छठ? क्या है सुबह-शाम सूर्य को अर्घ्य देने की मान्यता

Chhath Pujaछठ पूजाछठ महापर्वChhath puja significance

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