तिब्बत (Tibet) के धर्मगुरु दलाई लामा के उत्तराधिकारी (Dalai Lama's Successor) को लेकर चीन ने नई चाल चली है. शुक्रवार को चीन ने साफ कहा कि दलाई लामा (Dalai Lama) का उत्तराधिकारी उसकी मर्जी से ही चुना जाएगा. अगर खुद दलाई लामा या उनके अनुयायी कोई उत्तराधिकारी चुनते हैं तो चीन उसे मान्यता नहीं देगा. चीन सरकार ने इस बाबत एक आधिकारिक श्वेत पत्र जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि किंग राजवंश से ही चीन की सरकार दलाई लामा और अन्य आध्यात्मिक बौद्ध नेताओं को मान्यता देती आई है.
दस्तावेज के मुताबिक, साल 1793 से गोरखा घुसपैठियों को खदेड़े जाने के बाद किंग राजवंश ने तिब्बत में व्यवस्था बहाल की और बेहतर शासन के लिए शाही रूप से स्वीकृत अध्यादेश जारी किया. अध्यादेश में कहा गया था कि दलाई लामा और अन्य बौद्ध धर्मगुरु के अवतार के संबंध में प्रक्रिया का पालन करना होता है और चुनिंदा उम्मीदवारों को मान्यता देना चीन की केंद्रीय सरकार के अधीन है.