संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में तालिबान (Taliban) पर एक मांग को लेकर चीन को मुंह की खानी पड़ी. चीन ने सुरक्षा परिषद् में भारत की अध्यक्षता वाली कमेटी के सामने मांग रखी थी कि तालिबान नेताओं को यात्रा में मिली 90 दिनों की छूट की समयसीमा बढ़ाकर 180 दिन कर दी जाए. लेकिन चीन की इस मांग पर किसी भी देश ने उसका समर्थन नहीं किया. जिसके बाद उसे इस मुद्दे पर नरम रुख अपनाना पड़ा.
चीन के दबाव बनाने के बावजूद बाकी देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दिया। सदस्य देशों का मानना है कि तालिबान पर फिलहाल नजर रखने की जरूरत है.
बता दें कि तालिबान नेताओं को यात्रा प्रतिबंधों से मिली छूट 20 सितंबर को खत्म हो गई है और इसलिए इसे बढ़ाकर 22 दिसंबर तक किए जाने की मांग की जा रही थी. तालिबान की सरकार में फिलहाल 14 ऐसे सदस्य हैं तो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की टेररिजम ब्लैकलिस्ट में हैं. इनमें अफगानिस्तान के प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद और सिराजुद्दीन हक्कानी भी शामिल हैं.