चीन वैक्सीन (chinese Covid Vaccine) बनाने की होड़ में उतर तो आया, लेकिन उसके इस टीके से दुनिया के तमाम देशों का मोहभंग हो रहा है. दरअसल, जब कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का कहर बढ़ा तो, चीन की सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड की बनाई इकलौती वैक्सीन का असर कम (unreliable against delta variant) होने लगा.
जिससे चीन के कस्टम डेटा का ग्राफ घट (vaccine export drops) गया. चीन ने जुलाई महीने में जहां 2.48 अरब डॉलर की वैक्सीन निर्यात की थी, वहीं ये अगस्त में 21 फीसदी घटकर सिर्फ 1.96 अरब डॉलर का रह गया. इसके पीछे एक बड़ी वजह दुनिया में बढ़ती फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन को बताया जा रहा है.
बता दें कि, चीन की बनाई वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल में 50 से 80 फीसदी तक असरदार पाई गई थी लेकिन ये कोरोना से सुरक्षा देने में mRNA वैक्सीनों की तुलना में काफी पीछे हैं। वहीं, तेजी से फैल रहे डेल्टा वेरिएंट के आने के बाद चीनी वैक्सीन की एफिकेसी पर भी सवाल उठने लगे थे.