आपने सेरेब्रोवैस्कुलर बीमारी के बारे में तो सुना ही होगा! सेरेब्रोवास्कुलर बीमारी ऐसी मेडिकल कंडीशन है जो दिमाग में ब्लड वेसेल्स यानि रक्त वाहिकाओं और ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करता है और इससे स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. सेंटर्स फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के मुताबिक, सेरेब्रोवास्कुलर रोग दुनिया में मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है. शारीरिक अक्षमता (फिज़िकल डिसएबिलिटी) के अलावा, ये बीमारी दिमागी क्षमता पर नकारात्मक असर और डिमेंशिया जैसे असर डाल सकती है
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हालांकि, डायट में बदलाव, फिज़िकल एक्टिविटी और धूम्रपान नहीं करने जैसी हेल्दी लाइफस्टाइल हैबिट्स को अपना कर इस डिसऑर्डर को कम किया जा सकता है. अगर आप गौर करें तो ये करना उतना भी मुश्किल नहीं है. है ना! और एक नई स्टडी बताती है कि हर हफ्ते खाने में मछली की थोड़ी मात्रा और बढ़ाई जाए तो इससे मिलने वाले फायदे आपको चौंका देंगे.
जर्नल न्यूरोलॉजी में छपी एक क्रॉस सेक्शनल स्टडी ने सेरेब्रोवैस्कुलर बीमारी होने से पहले स्वस्थ वृद्ध वयस्कों में मछली की खपत और वैस्कुलर ब्रेन डैमेज के बीच कड़ी की जांच की. इस स्टडी के लिए विश्लेषण में 72.3 साल की औसत वाले 1,623 लोग शामिल थे. इनकी वीकली डायट में मांस, मछली, फल और सब्जियां, फलियां और अनाज शामिल थे.
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स्टडी के परिणामों से पता चलता है जिन वॉलंटियर्स ने हर हफ्ते दो या इससे अधिक बार मछली खाई उनमें ऐसा नहीं करने वालों की तुलना में सेरेब्रोवास्कुलर रोग का स्तर कम था.
स्टडी के प्रमुख लेखक डॉ. सेसिलिया समिएरी ने कहा कि स्टडी में मस्तिष्क के घावों और वैस्कुलर ब्रेन डैमेज के खतरे को कम करने के लिए हर हफ्ते मछली की दो या अधिक सर्विंग्स खाने का आसान समाधान सामने आया है.
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