हाल में की गई एक स्टडी के मुताबिक, कोरोना के हल्के से मीडियम लक्षणों को झेलने वाली प्रेगनेंट महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशुओं के मस्तिष्क पर संक्रमण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. नॉर्थ अमेरिका के रेडियोलॉजिकल सोसायटी की एनुअल मीटिंग में गर्भावस्था के दौरान शिशुओं पर कोरोना के प्रभावों को लेकर की गई इस स्टडी को पेश किया गया है.
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रिसर्चर्स ने स्टडी के लिए प्रेगनेंसी के दौरान कोविड-19 से पीड़ित 33 महिलाओं के भ्रूण MRI का इस्तेमाल किया. स्टडी में जो महिलाएं शामिल हुईं वो अपनी प्रेग्नेंसी के 28 हफ्ते में थीं और वो कोरोना के हल्के या गंभीर लक्षण 18वें हफ्ते से ही झेल रही थीं. इनमें कोरोना के सबसे आम लक्षणों में सूंघने और स्वाद की कमी, सूखी खांसी, बुखार और सांस की तकलीफ थी
Fetal MRI यानि भ्रूण MRI में कई सालों के एक्सपीरियंस वाले सर्टिफाइड रेडियोलॉजिस्ट ने स्कैन का आंकलन किया. जिसमें उन्होंने पाया कि मस्तिष्क का विकास सभी भ्रूणों में अपने उम्र के हिसाब से था. इसके साथ ही उन्हें भ्रूण के मस्तिष्क के संक्रमण का कोई संकेत नहीं मिला.
रिसर्चर्स के मुताबिक, हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं था कि एक मां के कोरोनावायरस से संक्रमण का अजन्मे बच्चे के मस्तिष्क के विकास पर कोई प्रभाव पड़ता है. फिर भी, लापरवाही की ओर ना बढ़कर गर्भावस्था के दौरान Covid-19 संक्रमण के खिलाफ ज़रूरी एहतियात बरतना और सुरक्षा पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है.
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