दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) ने इलाज के लिए डॉक्टरों की कमी पर दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया है. कोर्ट ने द्वारका में नए डेडिकेटेड कोविड सुविधा वाले इंदिरा गांधी अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की कमी के मसले पर कहा कि है कि अगर पर्याप्त डॉक्टर और दूसरे स्टाफ नहीं है तो बेड और वॉर्ड बढ़ाने का क्या फायदा है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार(Delhi Court) के रवैये पर हैरानी करते हुए कहा किअब आप कह रहे हैं कि डॉक्टरों की कमी का मु्द्दा कोर्ट के सामने उठाया नहीं गया. कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों की कमी एक गंभीर समस्या है, इससे भागा नहीं जा सकता. जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि जब चुनाव आते हैं तो अखबारों में पूरे पेज के विज्ञापन देखे जाते हैं लेकिन अब डॉक्टरों या नर्सिंग स्टाफ के लिए किसी अंग्रेजी अखबार मे कोई विज्ञापन नहीं ? इस पर दिल्ली सरकार ने एक हिंदी अखबार का जिक्र किया तो कोर्ट ने कहा कि ये प्रमुख अंग्रेजी अखबार में क्यों नहीं. कोर्ट ने दिल्ली सरकार को 2 हफ्ते का वक्त देते हुए कहा कि वो कोर्ट के सामनेब्योरा रखे जिसमें नए अस्पताल में 250 बेड के संचालन के साथ साथ बिना ऑक्सीजन और आईसीयू और नॉन आईसीयू बेड का डेटा हो.