डायबिटीज़ की समस्या आजकल बेहद आम हो गई है. अकेले भारत में लगभग 77 मिलियन लोग इस से जूझ रहे हैं. डायबिटीज़ एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में कई दूसरी बीमारियों का कारण भी बनती है. डायबिटीज़ का कोई इलाज नहीं है लेकिन एक नई रिसर्च के अनुसार टाइप 2 डायबिटीज़ से जूझ रहे लोग इसे अपनी डाइट और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों से कंट्रोल ज़रूर कर सकते हैं.
रिसर्च के दौरान डायबिटीज़ से जूझ रहे आधे लोगों को लो कैलोरी, लो कार्बोहाइड्रेट, हाई प्रोटीन डाइट पर रखा गया और इस दौरान वो अपनी दवाइयों को लेकर लगातार फार्मेसिस्ट के संपर्क में रहे.
यूनिवर्सिटी ऑफ़ ब्रिटिश कोलम्बिया और टीसाइड यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम का मानना है कि गांवों में लोगों के लिए डॉक्टर की तुलना में लोकल फार्मेसिस्ट तक पहुंच पाना ज़्यादा आसान है. उन्हें दवाइयों की अच्छी जानकारी होती है और वो डायबिटीज़ के मरीज़ की दवाइयों का अच्छे से ध्यान रख सकते हैं.
रिसर्च शुरू होने के 12 हफ्ते बाद देखा गया कि जिन लोगों ने इस दौरान स्पेशल डाइट ली वो डायबिटीज़ की दवाइयां बंद कर पाने में कामयाब रहे. इसके अलावा इन लोगों के शुगर लेवल, बॉडी वेट, ब्लड प्रेशर में भी सकारात्मक बदलाव देखे गए. रिसर्च में ये साबित हुआ कि डाइट में किये गए बदलाव कई लोगों की डाटबिटीज़ की दवाइयां कम करवाने में मदद कर सकते हैं.