'ट्रेजडी किंग' के नाम से मशहूर दिलीप कुमार साहब बॉलीवुड के वो दिग्गज एक्टर थे, जो हमेशा सिनेमा प्रेमियों के दिलों में राज करेंगे. भले ही आज वो हमारे बीच में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी. आज दिलीप साहब की 99th Birth Anniversary है. ऐसे में आइए जानतें हैं उनके बारें में कुछ अनसुनी बातें.
दिलीप कुमार उर्फ मोहम्मद युसुफ खान (Mohammed Yusuf Khan) का जन्म 11 दिसंबर 1922 को पाकिस्तान के पेशावर (Peshawar, Pakistan) में हुआ था. उनके पिता का नाम लाला गुलाम सरवर था, जो फल बेचकर अपने परिवार का खर्च चलाते थे.
साल 1930 में उनका परिवार मुंबई आकर बस गया. उनका शुरुआती जीवन तंगहाली में ही गुजरा. दिलीप कुमार भी अपने पिता के साथ फल बेचा करते थे, मगर साल 1940 के बाद वो पुणे आ गए. यहां दिलीप कुमार की मुलाकात एक कैंटीन के मालिक ताज मोहम्मद से हुई, जिनकी मदद से उन्होंने आर्मी क्लब में सैंडविच स्टॉल लगाया. कैंटीन से हुई कमाई को लेकर दिलीप कुमार वापस मुंबई अपने पिता के पास आ गए और काम की तलाश शुरु कर दी.
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मुंबई आने के बाद साल 1943 में चर्चगेट में दिलीप साहब की मुलाकात डॉ. मसानी से हुई, जिन्होंने उन्हें बॉम्बे टॉकीज में काम करने का ऑफर दिया. यहीं बॉम्बे टॉकीज की मालकिन देविका रानी की पहली नजर उन पर पड़ी और उन्होंने दिलीप कुमार को एक्टर बना दिया. यही से उनके फिल्मी सफ़र की शुरुआत हुई, जिसके बाद उन्होंने कभी भी पीछे मुड़ के नहीं देखा. देविका रानी ने ही उन्हें ‘युसूफ खान’ की जगह अपना नाम ‘दिलीप कुमार’ रखने की सलाह दी थी.
दिलीप कुमार ने फिल्म 'ज्वार भट्टा' से अपने फिल्मी सफर की शुरुआत की. साल 1949 में आई फिल्म 'अंदाज' से दिलीप साहब को पहचान मिली. इस फिल्म में दिलीप कुमार के साथ राज कपूर थे. फिर उन्होंने 'दीदार' (1951) और 'देवदास' (1955) जैसी फिल्मों में दुखद भूमिकाएं निभाई जिसके बाद से ही उन्हें ट्रेजिडी किंग कहा गया.
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दिलीप साहब ने बॉलीवुड को कई नायब फिल्में दीं, जिनमे शक्ति, राम और श्याम, लीडर, कोहिनूर, मुग़ल-ए-आज़म और नया दौर जैसी फिल्में शामिल हैं. 1954 की 'दाग' के लिए फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार से नवाजा गया.
दिलीप साहब की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्हें अपने से 22 साल छोटी एक्ट्रेस सायरा बानो से इश्क हो गया था. दोनों ने 11 अक्टूबर, 1966 को शादी की थी. दोनों का प्यार आज भी बरकरार है. मरते दम तक सायरा बानो ने दिलीप साहब का ख्याल रखा. दोनों का प्यार हमेशा अमर रहेगा.