क्या वॉशिंग मशीन से होता है पर्यावरण को नुकसान? ऐसे कम कर सकते हैं डैमेज

Updated : Aug 02, 2021 10:08
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Editorji News Desk

वॉशिंग मशीन तो बड़े काम की चीज़ है इससे क्या नुकसान हो सकता है? आप भी हमारी तरह ऐसा ही कुछ सोचते होंगे. लेकिन हम सब की लाइफ को आसान बनाने और हार्मलेस दिखने वाली वॉशिंग मशीन एन्वॉयरन्मेंट के लिए नुकसानदायक हो सकती है.

एनर्जी स्टार के मुताबिक, एक घर में पूरे साल भर में लगभग 300 बार वॉशिंग मशीन का इस्तेमाल होता है जिसमें प्रति घंटे लगभग 300-1,500 वॉट बिजली और लगभग 51,000 लीटर पानी खर्च होता है. 2016 में मरीन पॉल्यूशन बुलेटिन में छपी एक स्टडी के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि वॉशिंग के हर राउंड के साथ लगभग 700,000 सिंथेटिक मइक्रोप्लास्टिक फाइबर ताज़े पानी में जाकर मिलते है. इसके अलावा हर बार वॉशिंग मशीन इस्तेमाल करने पर खर्च होने वाली हीट, इलेक्ट्रिसिटी और डिटर्जेंट. ये सब मिलकर मशीन से कपडे धोते समय होने वाले कार्बन फुटप्रिंट को बढ़ाते हैं. अगर आप मशीन में 60°C पर गर्म पानी में कपडे धो रहे हैं तो इससे लगभग 3.3 किलो तक कार्बन निकल सकता है. 

कार्बन फुटप्रिंटिंग एक्सपर्ट माइक बर्नर्स - ली ने 'द गार्डियन' के लिए एक कैलकुलेशन कि जिसके हिसाब से अगर आप 30°C टेम्पेरेचर पर कपड़े धोते और सुखाते हैं तो कार्बन उत्सर्जन 0.6 किलोग्राम होगा. 

तो अब क्या करें? ना तो कपड़े धोने छोड़े जा सकते हैं और ना ही आजकल की भागदैड़ भरी ज़िन्दगी में इतनी फुर्सत है कि हाथ से कपड़े धोना शुरू कर दें. लेकिन कुछ ऐसी बातें हैं जिनको अगर आप ध्यान रखें तो लॉन्ड्री से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. 

कोल्ड सेटिंग का करें इस्तेमाल

वॉशिंग मशीन में सबसे ज़्यादा एनर्जी की खपत पानी गर्म करने में होती है.  आजकल बाज़ार में मिलने वाले ज़्यादातर डिटर्जेंट्स ठन्डे पानी में भी सही से काम करते हैं और ठन्डे पानी में कपड़े धोने से कपड़े भी लम्बे समय तक चलते हैं. 

एक से ज़्यादा बार पहनें

इनर वियर और मोजों को छोड़कर ज़्यादातर कपड़े ऐसे होते हैं जिन्हें एक बार पहनकर धोने की ज़रूरत नहीं होती है. जीन्स, ट्राउज़र्स, जैकेट्स और फैंसी टॉप्स बिना धुले एक से ज़्यादा बार पहने जा सकते हैं. 

प्लास्टिक फाइबर को करें अवॉयड

मइक्रोप्लास्टिक पॉल्यूशन को कम करने का एक ही तरीका है और वो है ऐसे प्रॉडक्ट्स का कम इस्तेमाल. सिंथेटिक मैटेरियल जैसे नायलॉन और पॉलिस्टर को धोते समय इनसे फाइबर निकलता है जो पानी में मिलकर उसे प्रदूषित करता है. इसलिए ऐसे कपड़ों का इस्तेमाल कम करें.  

कपड़ों को धूप में सुखाएं

कपड़े सुखाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाला ड्रायर बहुत ज़्यादा एनर्जी कंज़म्प्शन करता है. बारिश और ठण्ड के मौसम में तो इसका इस्तेमाल ज़रूरी हो जाता है लेकिन गर्मियों में या जब भी आप इसका इस्तेमाल अवॉयड कर सकते हैं करें और कपड़ों को धूप या हवा में सुखाएं. इससे एनर्जी तो बचेगी ही बल्कि मशीन ड्रायर से कपड़ों को होने वाला नुकसान भी बचेगा. 

एक साथ धोएं कपड़े

कई लोगों की आदत होती है कि कम कपड़ों के लिए भी रोज़ मशीन का इस्तेमाल करते हैं. अगर आपके पास धोने के लिए कपड़े कम हैं तो मशीन लगाना अवॉयड करें. दो तीन दिन के कपड़ों को इकठ्ठा करके एक साथ मशीन लगाकर धोएं या हाथ से धो लें.

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