शरीर को जब धूप मिलती है तो वो अपने आप ही उसमें मौजूद कोलेस्ट्रॉल से विटामिन डी बना लेता है. लेकिन हममें से ज़्यादातर लोग इतना धूप में निकलते ही नहीं है कि शरीर को विटामिन बनाने के लिए सूरज की किरणें मिल सकें. इसका नतीजा ये है कि ज़्यादातर लोग विटामिन डी की कमी से जूझ रहे हैं और चिंता की बात तो ये है कि कई लोगो को इस बारे में पता भी नहीं है कि उनके शरीर में विटामिन डी की कमी हो रही है.
एक अनुमान के अनुसार, दुनियाभर में लगभग 1 बिलियन लोगों के खून में विटामिन डी की कमी है. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जिनमें इसकी कमी का खतरा थोड़ा ज़्यादा है.
- जिनकी स्किन का कलर डार्क हो
- जिनकी उम्र 50 साल से ऊपर हो
- अगर आपका वज़न ज़रूरत से ज़्यादा है
- अगर आपकी डाइट में डेयरी प्रोडक्ट्स की कमी है
- जिनको किडनी या लिवर से जुड़ी परेशानी हो
हमारा शरीर किसी भी मिनरल की कमी होने पर कुछ वार्निंग साइंस देता है. विटामिन डी की कमी के साइंस बहुत हल्के होते हैं जिन्हें आप कई बार नज़रअंदाज़ कर देते हैं.
हड्डियों और कमर में दर्द
हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूत बनाये रखने के लिए कैल्शियम ज़रूरी है लेकिन कैल्शियम शरीर में तब तक अब्सॉर्ब नहीं होगा जब तक विटामिन डी ना हो. विटामिन डी की कमी से बोन मिनरल डेंसिटी कम होने लगती है. यही वजह है कि अगर आपको हड्डियों या कमर में दर्द हो रहा है तो विटामिन डी टेस्ट ज़रूर करवा लें.
कमज़ोर मसल्स
वेस्टर्न जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च में पाया गया है कि विटामिन डी की कमी से जूझ रहे लोगों में मसल वीकनेस एक आम समस्या है लेकिन राहत की बात ये है कि विटामिन डी का इन्टेक बढ़ा कर इस परेशानी को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा शरीर में विटामिन डी की कमी बढ़ने पर आपकी मसल्स में दर्द की समस्या भी हो सकती है.
थकान और कमज़ोरी
नार्थ अमेरिकन जर्नल ऑफ़ मेडिकल साइंस में छपी एक स्टडी के दौरान 77 प्रतिशत से ज़्यादा लोग जिनके शरीर में विटामिन डी की कमी पाई गयी उनका कहना था कि उन्हें अक्सर थकान और कमज़ोरी महसूस होती है. कुछ रिसर्च से ये भी पता चला है कि अपनी डाइट में विटामिन डी की मात्रा बढ़ाने से इस परेशानी को कम किया जा सकता है.
मूड चेंजेज़
रिसर्च से पता चला है कि अगर आप हर वक़्त डिप्रेसिव मूड में रहते हैं तो ये भी विटामिन डी की कमी का एक संकेत हो सकता है. जर्नल ऑफ़ अफेक्टिव डिसऑर्डर में छपी एक स्टडी में डिप्रेशन और विटामिन डी की कमी के बीच कनेक्शन पाया गया है. न्यूट्रिएंट्स नाम के जर्नल में छपी एक दूसरी स्टडी में पाया गया कि अगर शुरूआती डिप्रेशन से जूझ रहे व्यक्ति को विटामिन डी दिया जाए तो इसके पॉजिटिव नतीजे मिल सकते हैं.
तो अगर आपको भी इनमें से कोई सिम्प्टम नज़र आता है तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें और ज़रूरी टेस्ट्स करवाएं.