Durga Puja 2021: दुर्गा विसर्जन से पहले ही क्यों मनाई जाती है सिंदूर खेला की रस्म? जानिये मान्यताएं

Updated : Oct 14, 2021 14:06
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Editorji News Desk

शारदीय नवरात्रि के आखिरी दिन पूरे देश में दशहरा यानि विजयदशमी का त्योहार मनाया जाता है, इस मौके पर जगह जगह रावण दहन किया जाता है. तो वहीं बंगाल में त्योहार के आखिरी दिन का विशेष महत्व होता है, इस दिन महिलाएं देवी दुर्गा को सिंदूर चढ़ाती हैं और फिर वहां मौजूद सभी सुहागिन महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं. इस रस्म को सिंदूर खेला कहा जाता है. बंगाली महिलाओं में सिंदूर खेला एक बड़ी और ख़ास रस्म है. पूजा पंडालों से सिंदूर खेला की रस्म की मनमोहक तस्वीरें देखते ही बनती हैं.

सिंदूर खेला के दिन पान के पत्तों से मां दुर्गा के गालों को स्पर्श कर उनकी मांग और माथे पर सिंदूर लगाकर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. फिर मां को पान और मिठाई का भोग लगाया जाता है.

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मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा 10 दिनों के लिए अपने मायके आती हैं.10वें दिन यानि दशहरा के दिन मां दुर्गा की धरती से विदाई होती है. इस मौके पर सुहागिन महिलाएं दुर्गा को सिंदूर चढ़ाकर विदाई देती हैं और उनका आर्शीवाद लेती हैं और कहती हैं 'आश्चे बछोर आबार होबे' इसका मतलब ये कि अगले बरस फिर ये त्योहार हो.

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