आतकियों को पनाह देना पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) को फिर महंगा पड़ा है. फाइनेंशिल एक्शन टॉस्क फोर्स (Financial Action Task Force) यानी FATF ने पेरिस में हुई बैठक के बाद एक बार फिर से उसे ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखा है. FATF ने इसके साथ ही पाकिस्तान के सदाबहार दोस्त तुर्की को भी ग्रे लिस्ट (Turkey also in gray list) में डाल दिया है.
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FATF के मुताबिक पाकिस्तानी सरकार (Pakistani government) आतंकवाद के खिलाफ 34 सूत्रीय एजेंडे में से चार को पूरा करने में विफल रही है. उसने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है. FATF ने गुरुवार को ये भी बताया कि तुर्की ने फर्जी कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग पर ठोस कार्रवाई नहीं की है. इसलिए उसे ग्रे लिस्ट में डाला गया है.
बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (economy of pakistan) पहले ही दिवालियेपन की कगार पर है और ग्रे लिस्ट में रखे जाने पर उसकी इकॉनमी को और नुकसान होगा. इसकी वजह से उसे IMF, विश्व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलना मुश्किल होगा. बता दें कि जून 2018 में ही FATF ने पाक को सबसे पहली बार ग्रे लिस्ट में डाला था.