छत्तीसगढ़ सरकार ने पहले एलिफेंट रिजर्व बनाने के लिए चिह्नित किए जंगलों में अब कोयला खदान और कोल वॉशरी खोलने की अनुमति दे दी है. राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को अलाॅट की गई इस खदान के संचालन का अधिकार अडाणी ग्रुप के पास है. मामला हसदेव अरण्य क्षेत्र से जुड़ा है जहां पिछले साल अक्टूबर में लेमरु हाथी रिजर्व बनाने के लिए सहमति बनाई गई थी. सरकार की तरफ से 1,252 एकड़ जमीन पर खुली खदान और कोल वॉशरी लगाने की अनुमति दी गई है और आवंटित जमीन में से 841 एकड़ में घना जंगल है. सरकार के इस फैसले के खिलाफ आदिवासी और क्षेत्र के लोग विरोध कर रहे हैं और उनका दावा है कि सरकार ने फ़र्ज़ी कागज के दम पर इस जंगल को खदान के लिए आवंटित किया है.