सरकारी एयरलाइंस कंपनी एयर इंडिया (Air India) फिर से टाटा ग्रुप की हो जाएगी. टाटा संस (Tata Hans) ने सबसे ऊंची बोली लगाकर एयर इंडिया को खरीद लिया है...हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा होनी बाकी है. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (Civil Aviation Ministry) के अधिकारियों के मुताबिक स्पाइस जेट ने भी बोली लगाई थी लेकिन बाद में टाटा ग्रुप ने बाजी मार ली. रिपोर्ट के मुताबिक सरकार इसकी घोषणा अगले हफ्ते कर सकती है. दिसंबर तक टाटा को एयर इंडिया का मालिकाना हक मिल सकता है. पूरी स्थिति को समझने के लिए एक नजर कुछ खास बिंदुओं पर भी डाल लेते हैं.
एअर इंडिया को 1932 में टाटा ग्रुप ने ही शुरू किया था.
टाटा समूह के जे.आर.डी. टाटा इसके फाउंडर थे.
तब एअर इंडिया का नाम टाटा एअर सर्विस रखा गया था.
1938 तक कंपनी ने अपनी घरेलू उड़ानें शुरू कर दी थीं.
दूसरे विश्व युद्ध के बाद इसे सरकारी कंपनी बना दिया गया.
आजादी के बाद सरकार ने इसमें 49% हिस्सेदारी खरीद ली थी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सौदे के बाद टाटा संस को 23,286.5 करोड़ रुपए के कर्ज का बोझ उठाना होगा. बता दें मौजूदा समय में एअर इंडिया देश में 4400 और विदेशों में 1800 लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट को कंट्रोल करती है.