अगर आपका भी डेली कैफीन इंटेक बहुत ज्यादा है तो ये ख़बर आपके लिए एक चेतावनी है. आपको जानकार हैरानी होगी कि कैफीन का अत्यधिक सेवन आपको अंधा बना सकता है. इंटरनेशनल मल्टी सेंटर स्टडी के मुताबिक, रोजाना ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन करने से आंखों की बीमारी ग्लूकोमा का खतरा तीन गुना से भी अधिक बढ़ सकता है.
माउंट सिनाई स्थित आईकन स्कूल ऑफ मेडिसिन के नेतृत्व में की गई स्टडी में बताया गया है कि जिन लोगों को आनुवंशिक रूप से आंखों की बीमारियों का खतरा अधिक होता है उनके लिए तो ये स्थिति ग्लूकोमा के खतरे को और बढ़ा देती है. ऐसा दावा है कि ग्लूकोमा में डाइट और आनुवांशिक संपर्क को दिखाने वाली ये अपने आप में पहली रिसर्च है.
बता दें कि ग्लूकोमा एक ऐसी बीमारी है जो आंख की ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाती है. ये बीमारी आनुवांशिक भी हो सकती है. अमूमन इसके कारण आंख के अंदर दबाव पैदा होने लगता है. जर्नल ऑप्थल्मोलॉजी में छपी स्टडी में सुझाव दिया गया है कि ग्लूकोमा की फैमिली हिस्ट्री रखने वाले लोगों को कैफीन कम से कम पीना चाहिए.
जिस रिसर्च के बारे में यहां बात कि जा रही है उसकी फाइंडिंग के दौरान कैफीन और इंट्राओकुलर प्रेशर (IOP) के प्रभाव को स्टडी किया गया. IOP आंखों के अंदर महसूस किए जाने वाले दबाव को कहा जाता है. IOP का बढ़ा हुआ स्तर ग्लूकोमा के लिए एक मेन रिस्क फैक्टर है. हालांकि, कुछ दूसरे फैक्टर भी इस स्थिति को पैदा करने में शामिल होते हैं.
स्टडी के लिए, रिसर्चर्स की टीम ने 39 से 73 साल की उम्र के करीब 1,20,000 से अधिक लोगों के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया. इस विश्लेषण के दौरान कैफीन का सेवन, आईओपी और खुद से रिपोर्ट किए गए ग्लूकोमा के बीच के संबंधों का अध्यन किया गया.
चूंकि यहां ज्यादा कैफीन की बार-बार जिक्र हो रहा है, ऐसे में आपके लिए कैफीन की सही मात्रा जानना बेहद जरूरी है. रिसर्च में पाया गया है कि ऐसे लोग जिनपर ग्लूकोमा का अनुवांशिक खतरा है, वो अगर रोजाना 321 मिलीग्राम, जोकि लगभग कॉफी के तीन कप के बराबर होता है से अधिक कैफीन का सेवन करते हैं तो उन पर ग्लूकोमा का खतरा 3.9 गुना तक बढ़ जाता है. तो अगली बार जब आप अपनी कॉफी सिप लें तो देख लें कि उस से पहले कितनी पी चुके हैं.