2000 Rupees Note: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने सोमवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 2,000 रुपए के नोट चलन से बाहर करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी. ये याचिका एडवोकेट रजनीश भास्कर गुप्ता ने दायर की थी जिसमें कहा गया था कि RBI के पास ये फैसला लेने के लिए RBI एक्ट के तहत कोई इंडिपेंडेंट पावर नहीं है. आरबीआई ने ये फैसला जनता पर पड़ने वाले असर का मूल्यांकन किए बिना लिया है.
साथ ही याचिकाकर्ता ने ये भी दावा किया कि अन्य रिटेलर और छोटे दुकानदारों ने 2,000 रुपए के नोट लेना बंद कर दिया है. साथ ही कहा कि आरबीआई ने ये भी क्लीयर नहीं किया है कि इस फैसले से देश की अर्थव्यवस्था को कैसे मदद मिलेगी.
वहीं RBI की ओर से एडवोकेट पराग पी त्रिपाठी ने कहा कि 2000 के नोट चलन से बाहर करने का फैसला नोटबंदी नहीं है. यह केवल करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम के तहत एक एक्सरसाइज है.
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय की याचिका खारिज की ती. इस याचिका में कहा गया था कि 2000 के नोट बिना कोई जमा पर्ची और पहचान प्रमाण जमा किए एक्सचेंज करना मनमाना और भारतीय संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन है.
बता दें कि RBI ने 19 मई को 2000 का नोट सर्कुलेशन से बाहर करने की घोषणा की थी. 23 मई से देशभर के बैंकों में इस नोट को बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई.