Life Insurance: भारत की 95 फीसदी आबादी के पास इंश्योरेंस नहीं है, यानी कि सिर्फ 5 फीसदी आबादी का ही बीमा हो रखा है. यानी कि देश के 144 करोड़ की आबादी में 95 फीसदी का इंश्योरेंस कवर नहीं है. नेशनल इंश्योरेंस एकेडमी की रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है.
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के चेयरमैन देवाशीष पांडा ने यह रिपोर्ट जारी करते हुए इंश्योरेंस इंडस्ट्री से अपील की कि वह उन कदमों पर ध्यान दे, जिनकी मदद से UPI, बैंक अकाउंट और मोबाइल को पूरे देश में फैलाया जा सका. साथ ही पांडा ने अधिक ज़ोखिम वाले क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा बीमा को अनिवार्य बनाने की ज़रूरत की सिफारिश भी की है. सभी के लिए इंश्योरेंस के टारगेट को हासिल करने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है.
ये भी देखें: मेडिकल खर्च के मामले में एशिया में सबसे टॉप पर है भारत, इलाज कराना 14% तक हुआ महंगा
रिपोर्ट के मुताबिक, प्राकृतिक आपदाओं और दूसरे जलवायु संबंधी आपदाओं के चलते, इंश्योरेंस कवरेज बढ़ाना महत्वपूर्ण है. निम्न और मध्यम आय वर्ग के 84 फीसदी लोगों और तटीय क्षेत्रों, सेकेंड और थर्ड केटेगरी के शहरों के 77 फीसदी लोगों के पास बीमा नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक, 73 फीसदी आबादी के पास अभी तक हेल्थ इंश्योरेंस भी नहीं है.
भारत में अभी 34 जनरल इंश्योरेंस कंपनियां और 24 लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां काम कर रही हैं. बीमा क्षेत्र बहुत बड़ा है. यह 15-20 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है. IRDAI के मुताबिक, बैंकिंग सेवाओं के साथ, बीमा सेवाओं का देश की जीडीपी में लगभग 7 फीसदी का योगदान है.
ये भी देखें: इरडा का प्रस्तावित बीमा सुगम क्या है? इंश्योरेंस सेक्टर में UPI जैसी क्रांति लाएगा ये!