Adani-Hindenburg: मार्केट रेगुलेटर सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से अडानी - हिंडनबर्ग मामले को लेकर 15 दिन का और समय मांगा है. सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जांच का ज्यादातर काम हो चुका है. सेबी के मुताबिक, कुछ दलालों की जांच करने के बाद कंप्लीट रिपोर्ट सबमिट की जाएगी.
सेबी ने 24 मामलों में से 17 की जांच कर ली है. बाकी 7 मामलों में से 4 की जांच लगभग पूरी हो गई है. बस ऑफिसर से मंज़ूरी मिलना और जांच होना बाकी है. अन्य दो मामलों में सेबी की जांच अंतिम चरण में हैं और दूसरे मामले में अंतरिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है.
सेबी ने फाइलिंग में बताया कि अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों की जांच के लिए वह विदेशी संस्थाओं और एजेंसियों से जानकारी इकट्ठा कर रहा है. इन सभी जानकारियों का मूल्यांकन करने के बाद रिपोर्ट सबमिट की जाएगी.
अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) ने 24 जनवरी को अडानी ग्रुप (Adani Group) के बारे में एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग और शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को इस मामले की जांच करने को कहा था और रिपोर्ट सबमिट करने के लिए 14 अगस्त तक का समय दिया था.
वहीं, अडाणी ग्रुप की बिजनेस आर्म अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) की 2017 से ऑडिटर रही डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स ने ऑडिटर के पद से इस्तीफा दे दिया है. डेलॉइट ने अडानी ग्रुप पर विचारों में मतभेद सहित कई बड़े आरोप लगाए थे. डेलॉइट ने अडानी पोर्ट के तीन ट्रांजेक्शंस को लेकर चिंता जाहिर की थी.
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वित्त वर्ष 2023 के फाइनेंशियल स्टेटमेंट में डेलॉइट ने बताया था कि अडानी पोर्ट्स ने म्यांमार में अपने कंटेनर्स बचने के लिए सोल एनर्जी लिमिटेड के साथ दोबारा से कीमतों और दूसरी चीजों को नेगोशिएट किया. इसके चलते कंपनी को 1,273.38 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. अब MSKA एंड एसोसिएट्स को अडानी ग्रुप का नया ऑडिटर अपॉइंट किया है.