देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme court) ने आम्रपाली की हाउसिंग सोसाइटी (Amrapali Housing Societies) में प्रॉपर्टी खरीदकर फंसे हुए हजारों खरीददारों को बड़ी राहत दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने खरीददारों को फ्लैट मिलने के बाद कर्ज वसूली करने का साफ निर्दश दिया है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए फैसले से हजारों बायर्स को राहत मिलेगी. शीर्ष अदालत की तरफ से चार बड़े आदेश दिए गए. इन सभी आदेश का फायदा खरीदारों को मिलेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफतौर पर कहा, खरीददारों को हुई समस्या के लिए जितना बिल्डर जिम्मेदार है, बैंक भी उतने ही जिम्मेदार हैं. ऐसे में बिल्डर से जुड़ा बकाया फ्लैट खरीदारों से वसूल नहीं किया जा सकता. बैंक फ्लैट मिलने के बाद ही कर्ज वसूली शुरू करेंगे.
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Court के आदेश के मुताबिक उन होम बायर्स के लोन अकाउंट को रेग्युलराइज करें, जिन्होंने सबवेंशन स्कीम (Subvention Scheme) के तहत फ्लैट लिया था. योजना के तहत फ्लैट के लिए लोन लेने वाले ग्राहक के अकाउंट के NPA हो जाने के बावजूद EMI डिफॉल्ट होने की स्थिति में पेनाल्टी नहीं लगाई जाएगी.
अदालत ने कहा कि सबवेंशन स्कीम (Subvention Scheme) बिल्डर, खरीदार और बैंक के बीच होने वाला एक करार है. इस स्कीम में फ्लैट खरीदार तब तक ईएमआई नहीं देता, जब तक उसे फ्लैट नहीं मिल जाता. करीब 10 हजार खरीदारों ने सबवेंशन स्कीम का फायदा लिया था. आम्रपाली ग्रुप के समय पर फ्लैट नहीं देने से खरीदारों के ऊपर कर्ज के बदले ईएमआई का बोझ डाला गया, जबकि उन्हें फ्लैट पर कब्जा भी नहीं मिला.