बजाज ग्रुप के पूर्व चेयरमैन राहुल बजाज ( Bajaj Group Ex- Chairman Rahul Bajaj ) का शनिवार को पुणे में निधन हो गया. वे पिछले कई सालों से कैंसर से जूझ रहे थे... राहुल बजाज वह शख्सियत थे, जिनकी सरपरस्ती में बजाज ने बुलंदियों को छुआ और वह सचमुच देश के लिए 'हमारा बजाज' बन गया...
राहुल बजाज के दादा, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी जमनालाल बजाज थे. बजाज की पढ़ाई, अमेरिका में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज, मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से हुई. राहुल बजाज ने 1965 में बजाज ग्रुप की जिम्मेदारी संभाली. उनकी अगुआई में ही बजाज ऑटो का टर्नओवर 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ तक जा पहुंचा और स्कूटर बेचने के मामले में यह देश की अग्रणी कंपनी बन गई. राहुल, 50 साल तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे.
2005 में राहुल ने बेटे राजीव को कंपनी की कमान सौंपनी शुरू की थी. राहुल बजाज को 2001 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. वे 2006 से 2010 के बीच राज्यसभा के सदस्य भी रहे हैं.
ये राहुल बजाज के कुशल नेतृत्व का ही नतीजा था कि कम कीमत और आसान रखरखाव वाला बजाज ब्रांड का वेस्पा स्कूटर इतना लोकप्रिय हो गया कि 70 और 80 के दशक में स्कूटर खरीदने के लिए लोगों को 15 से 20 साल इंतजार करना पड़ता था.
देखें- उद्योगपति राहुल बजाज का 83 वर्ष की आयु में निधन, पद्म भूषण से सम्मानित थे