Bima Sugam: पिछले काफी दिनों से बीमा सुगम (Bima Sugam) के बारे में काफी बात हो रही है. कई एक्सपर्ट्स का दावा है कि इससे इंश्योरेंस इंडस्ट्री में काफी बड़ा बदलाव आएगा. इस प्लेटफॉर्म की मदद से काफी ज्यादा संख्या में लोगों तक इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स को पहुंचाना आसान हो जाएगा. तो चलिए जान लेते हैं कि आखिर ये बीमा सुगम क्या है और ये बीमा सेक्टर के लिए कैसे गेमचेंजर साबित हो सकता है.
जिस तरीके से यूपीआई से डिजिटल पेमेंट करना बेहद आसान हो गया है, उसी तरीके से बीमा सुगम के जरिए भी इंश्योरेंस खरीदना-बेचना बेहद आसान हो जाएगा. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण यानी IRDAI देश में 'बीमा सुगम' प्लेटफॉर्म लाने की तैयारी कर रहा है. बीमा सुगम एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है जहां बीमा पॉलिसी खरीदी जा सकेगी और अन्य सुविधाओं का भी लाभ उठाया जा सकेगा. आपको हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance), लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) या कार इंश्योरेंस (Car Insurance) पॉलिसी एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराई जायेंगी. यानी कि बीमा कंपनियों और बीमा वितरकों को एक साथ जोड़ा जाएगा ताकि ग्राहकों को बीमा खरीदने के लिए अलग-अलग जहग भटकना न पड़े. साथ ही इसी पोर्टल के जरिए लोगों की शिकायतों और क्लेम, चाहे वो हेल्थ कवरेज हो या फिर डेथ क्लेम, का सेटलमेंट भी किया जाएगा. बता दें कि बीमा सुगम को लाने के पीछे का उद्देश्य ही सभी इंश्योरेंस कंपनियों, ग्राहकों, ब्रोकर एसोसिएशन आदि को एक प्लेटफॉर्म पर लाना है.
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बीमा सुगम को तैयार करने के लिए पहले लगभग 85 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया था, जिसे अब बढ़ाकर 200 करोड़ रुपए कर दिया गया है. IRDAI ने प्लेटफॉर्म को बनाने के लिए एक कमेटी अपॉइंट की है और जल्द ही सर्विस प्रोवाइडर नियुक्त करने की प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है. ये सर्विस प्रोवाइडर एक ही जगह पर सभी सर्विस ऑफर करने के लिए एक प्लेटफॉर्म बनाने और उसे चलाने के लिए टेक्नोलॉजिकल पार्टनर होंगे.
'बीमा सुगम' प्लेटफॉर्म से कंपनियों से लेकर ग्राहकों तक, सभी को फायदा होगा. अभी के सिस्टम की बात करें तो अलग-अलग कंपनियां कई तरह की पॉलिसी ऑफर करती हैं जिनके बारे में सभी तरह की जानकारी रखना मुश्किल होता है. चूंकि बीमा सुगम पर सबकुछ एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा, इसलिए ग्राहक अपनी ज़रूरत के मुताबिक अपनी पसंद की कंपनी की पॉलिसी चुन पायेंगे. हालांकि, ऑनलाइन प्राइवेट इंश्योरेंस एग्रीगेटर (Online Private Insurance Aggregator) अभी भी ये सुविधा देते हैं, पर अभी उनकी भूमिका ब्रोकर की होती है, जिससे लागत ज्यादा होती है. आसान शब्दों में कहें तो बीमा सुगम प्लेटफॉर्म पर आप बीमा से जुड़े सारे काम निपटा सकेंगे.
इसके साथ ही बीमा का प्रीमियम (Insurance Premium) भी कम हो सकता है. इसका कारण ये है कि इस प्लेटफॉर्म से बीमा कंपनियों के लिए प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूशन कॉस्ट (Product Distribution Cost) कम हो जाएगी. अभी इंश्योरेंस ब्रोकर 30-40 फीसदी कमीशन लेते हैं लेकिन बीमा सुगम के आने से ब्रोकर का कमीशन कम हो जाएगा. ऐसे में ग्राहकों को कम प्रीमियम पर बेहतर प्रोडक्ट मिल सकेंगे.
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बीमा सुगम पर ग्राहकों को एक बीमा अकाउंट खोलना होगा और सभी पॉलिसियां इसी से जुड़ी रहेंगी. इस अकाउंट को ई-बीमा अकाउंट कहा जाएगा. पॉलिसीहोल्डर पोर्टल पर जाकर अपने लिए मुफीद बीमा प्रोडक्ट खरीद पायेंगे. अगर प्रोडक्ट के बारे में कुछ समझ नहीं आ रहा तो मीडिएटर की मदद ली जा सकेगी. इसके अलावा कंपनी से भी डायरेक्ट कॉन्टैक्ट करके बीमा पॉलिसी खरीद पायेंगे. साथ ही पॉलिसीहोल्डर एक अकाउंट से ही अपने सभी इंश्योरेंस को ट्रैक कर सकेगा.
आइए इसे उदाहरण के ज़रिए समझते हैं. मान लीजिए आपने तीन इंश्योरेंस लिए हैं- हेल्थ, लाइफ और कार. अभी क्या होता है कि आपको अगर तीनों को ट्रैक करना हो तो अलग-अलग अकाउंट में लॉग-इन करना होता है. बीमा सुगम पर आपको तीनों इंश्योरेंस की जानकारी एक साथ मिल जाएगी.
इस प्लेटफॉर्म पर पॉलिसी को भी पोर्ट करने की सुविधा मिलेगी. इससे फिजिकल डॉक्यूमेंटेशन (Physical Documentation) यानी कागजी दस्तावेज जमा कराने की ज़रूरत कम हो जाएगी. बीमा क्लेम सेटलमेंट (Claim Settlement) और पॉलिसी रिन्यू कराने का काम भी जल्दी किया जा सकेगा. कम शब्दों में कहें तो सही बीमा पॉलिसी का चुनाव करने, उसे खरीदने से लेकर क्लेम सेटलमेंट तक और पॉलिसी को रिन्यु कराने संबंधी सारे काम इस प्लेटफॉर्म के ज़रिए किए जा सकेंगे.
इस प्लेटफॉर्म पर क्लेम सेटलमेंट के लिए किसी डॉक्युमेंट की नहीं, सिर्फ पॉलिसी नंबर की ज़रूरत होगी.
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