Budget 2023 : बजट 2023 फंडिंग की कमी और आर्थिक अनिश्चितता की वजह से, 2022 के मुश्किल दौर के बाद भारतीय स्टार्टअप्स (Startups in India) को आने वाले केंद्रीय बजट से ढेरों उम्मीदें हैं.
टैक्स इंसेंटिव का क्लेम करने के लिए मल्टिपल अथॉरिटीज में रजिस्ट्रेशन की बजाय इंडियन स्टार्टअब सिंगल विंडो क्लियरेंस की मांग कर रहे हैं.
ESOP टैक्सेशन: स्टार्टअप ESOP टैक्सेशन में बदलाव चाहते हैं. NASSCOM चाहता है कि स्टार्टअप्स की बड़ी संख्या को ESOP टैक्स पर मोहलत मिले.
मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (MAT) स्टार्टअप और Nasscom भी चाहते हैं कि एलिजिबल स्टार्टअप के लिए मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स (MAT) को 15 फीसदी से घटाकर 9 फीसदी किया जाए. इससे छोटे कारोबार को अपनी पूंजी से जुड़ी जरूरतें पूरी करने में मदद मिलेगी.
एंजल इन्वेस्टर का दायरा: एक दूसरी मांग ये है कि इंडियन स्टार्टअप के लिए एंजल इन्वेस्टर के लिए तय दायरे को बढ़ाया जाए. एंजल इन्वेस्टर्स को प्राइवेट इन्वेस्टर, सीड इन्वेस्टर या एंजल फंडर भी कहा जाता है. ये ऐसे लोग होते हैं जिनके पास बहुत अधिक संपत्ति होती है. जिन्हें आम तौर पर हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल कहा जाता है. ये छोटे स्टार्टअप्स या उद्यमियों को आर्थिक मदद मुहैया कराते हैं. इसके बदले ये कंपनी में हिस्सेदारी लेते हैं.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स: अनलिस्टेड शेयरों पर LTCG और पब्लिक स्टॉक इन्वेस्टमेंट को बराबरी पर लाया जाए. NASSCOM का कहना है कि मौजूदा टैक्स प्रावधान विदेशी निवेशकों की तुलना में घरेलू निवेशकों के लिए एक समान अवसर प्रदान नहीं करते हैं.
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