Education Sector expectations from Budget 2023: एजुकेशन सेक्टर (Education Sector) में बीते कुछ सालों के दौरान महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत को शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटने के लिए बजट से बड़े ऐलान की जरूरत है.
पहली और सबसे जरूरी मांग बजटरी एलोकेशन (Budgetary Allocation) है. एजुकेशन सेक्टर (Education Sector) मांग कर रहा है कि भारत की GDP का कम से कम 6% शिक्षा पर खर्च किया जाए.
सेक्टर को उम्मीद है कि केंद्रीय बजट (Union Budget 2023-24) शिक्षा को जरूरतमंदों तक पहुंचाने और निष्ठा (NISHTHA), समग्र शिक्षा (Samagra Shiksha), स्वयं (SWAYAM) आदि जैसे टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम को और भी इंप्रूव करने पर जोर देगा.
एक और मांग ed-tech प्लेटफॉर्म पर GST घटाने की है. अब जब ed-tech प्लेटफॉर्म को शिक्षा के भविष्य के रूप में देखा जा रहा है, 18% GST इंडस्ट्री पर भारी बोझ डालती है. आने वाले केंद्रीय बजट में डिजिटल लर्निंग को किफायती बनाने के लिए GST को कम करने पर ध्यान देना चाहिए. देश में बीते कुछ साल में BYJU's, Physics Wallah, Unacademy, upGrad जैसी कई कंपनियां शुरू हुई हैं.
ETS इंडिया के MD Lejo Sam Oommen के मुताबिक, केंद्रीय बजट 2023 में स्टेट और सेंट्रल गवर्नमेंट यूनिवर्सिटीज (Central Government Universities) का 'इंटरनेशनलाइजेशन' करने पर जोर होना चाहिए, ताकि भारत को विदेशी छात्रों के लिए एक विकल्प के तौर पर पेश किया जा सके. ग्लोबल इंस्टिट्यूशंस (Global Institutions) और भारतीय विश्वविद्यालय (Indian Universities) ऐसे छात्रों के लिए शुभ संकेत लेकर आएंगे जो इंटरनेशनल लेवल के एक्सपोजर से दूर हैं.
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