India's Union Budget Facts: अंग्रेजों ने कब शुरू किया रेल बजट, कब आया सबसे छोटा बजट! जानें रोचक किस्से

Updated : Feb 02, 2023 15:52
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Editorji News Desk

India's Union Budget Facts: भारत में हर वर्ष केंद्रीय बजट पेश होता है. सदियों के इतिहास में बजट से जुड़े कई ऐसे तथ्य हैं जिन्हें जानना जरूरी हो जाता है. आइए जानते हैं बजट के ऐसे ही फैक्ट्स को...

बजट पेश करने वाली पहली महिला || First women who presented India's Budget

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी देश की ऐसी पहली महिला हैं जिन्होंने केंद्रीय बजट पेश किया था. उन्होंने 1970 में बजट पेश किया था. 2019 में, निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करने वाली दूसरी महिला और देश की पहली फुल टाइम महिला वित्त मंत्री बनीं.

सबसे छोटा बजट भाषण || Smallest Budget Speech of India

1977 में पूर्व वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने देश का सबसे छोटा बजट पेश किया था. वह अंतरिम बजट था. इसे 28 मार्च, 1977 को पेश किया गया था. उस वर्ष के बजट भाषण में सिर्फ 800 शब्द शामिल थे.

सबसे लंबा बजट भाषण || Longest Budget Speech in India

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड है. केंद्रीय बजट 2020 पेश करते हुए वह लगातार 2.42 घंटे तक बोली थीं. हालांकि, अस्वस्थ होने की वजह से वह 2 पेज नहीं पढ़ सकीं और उन्हें स्पीच छोटी करनी पड़ी.

सबसे ज्यादा बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री || Finance Minister who presented the maximum budget

इतिहास में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम है. वित्त मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 10 बजट पेश किए. देसाई के बाद नंबर आता है पी चिदंबरम का, जिन्होंने 9 बजट पेश किए, फिर प्रणब मुखर्जी ने 8, यशवंत सिन्हा ने 8 और मनमोहन सिंह ने 6 बजट पेश किए.

रेल बजट और केंद्रीय बजट || When Railway Budget introduced in India

1924 में, अंग्रेजों ने केंद्रीय बजट के अलावा रेल बजट की प्रथा शुरू की. रेल बजट और केंद्रीय बजट तभी से लेकर 2016 तक अलग-अलग ही पेश किए जाते रहे. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय बजट को रेल बजट के साथ जोड़ने का विचार पेश किया और 2017 में एक संयुक्त केंद्रीय बजट पेश किया गया.

बजट पेश करने का अंदाज || How Style of Budget get changed?

बजट को पहले एक बजट ब्रीफकेस में रखा जाता था, लेकिन 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे बही खाते से बदल दिया. इसपर राष्ट्रीय प्रतीक बना हुआ था. 2021 में बजट पेपरलेस हो गया. वित्त मंत्री ने इसे टैबलेट से पढ़कर पेश किया.

ये भी देखें- Tax and Non-Tax Revenue : टैक्स और नॉन-टैक्स रेवेन्यू किसे कहते हैं? आइए जानते हैं

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