Budget Income Tax : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने आखिरी बजट भाषण के आखिर में जब 7 लाख रूपये तक की आय को टैक्स फ्री (Tax free) करने का ऐलान किया तो टीवी के सामने बैठे कई लोगों ने बरबस ही तालियां बजानी शुरू कर दी.....लेकिन बजट भाषण (budget speech) खत्म होने पर लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर पुरानी कर व्यवस्था (old tax regime) ली जाएगी या नई कर व्यवस्था (new tax regime) बेहतर है? आप भी गुणा-भाग के इस असमंजस में फंसे हैं तो हम आपको बताते हैं आपके लिए क्या सही रहेगा....
हालांकि इसे समझने से पहले ये जान लीजिए कि वित्त मंत्री (Finance Minister) ने नई कर व्यवस्था को ‘डिफॉल्ट’ बनाने का प्रस्ताव किया है. यानी यदि आपने ITR फाइल करने से पहले अपने टैक्स रिजीम का चुनाव नहीं किया तो आप खुद ब खुद नई व्यवस्था के दायरे में आ जाएंगे. इसके अलावा सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि अगर आप नई रिजीम में शिफ्ट नहीं होना चाहते तो आपको एक फॉर्म भरना पड़ेगा. दरअसल सरकार को लगता है कि ज्यादातर लोग नई स्कीम का ही फायदा उठाएंगे और धीरे-धीरे उसकी कोशिश लोगों को नए रिजीम में शिफ्ट करने की है.
अब जब नई कर व्यवस्था की इतनी बात हो ही गई तो उसे समझ भी लेते हैं.
नया टैक्स रिजीम
3 लाख रुपये तक आय पर कोई टैक्स नहीं
3 लाख से 6 लाख रुपये तक 5% टैक्स
6 लाख से 9 लाख रुपये तक 10% टैक्स
9 लाख से 12 लाख रुपये तक 15% टैक्स
12 से 15 लाख रुपये तक 20% टैक्स
15 लाख से ऊपर पर 30% टैक्स
अब आप पुराने टैक्स रिजीम को भी जान लीजिए...जिससे फर्क समझने में आसानी होगी.
पुराना टैक्स रिजीम
2.5 लाख रुपये तक 0 %
2.5 लाख से 5 लाख तक 5%
5-10 लाख तक 20%
10 लाख रुपये तक 30%
ध्यान से देखें तो नई कर व्यवस्था में सभी टैक्सपेयर्स (taxpayers) को फायदा है... यदि आप 80 C के तहत मिलने वाले छूट में निवेश नहीं करते तो फिर न्यू टैक्स रिजीम ही आपके लिए फायदेमंद है. अगर आप PPF जैसी स्कीम में निवेश करके टैक्स सेविंग करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको पुराने टैक्स रिजीम को ही चुनना पड़ेगा.
टैक्स पर सरकार की जादूगरी को ऐसे भी समझ सकते हैं...मसलन- पुराने टैक्स रिजीम में 10 लाख से ऊपर की आय पर ही 30 % टैक्स लगता था जबकि नए रिजीम में 15 लाख से ऊपर वाले 30% टैक्स लग रहा है. लब्बोलुआब ये है कि सरकार की कोशिश ये है कि धीरे-धीरे सभी को नए टैक्स सिस्टम में लाया जाए.