Direct Tax: 1 फरवरी को पेश हुए अंतरिम बजट में सरकार ने किसी तरह की लोकलुभावन घोषणाएं करने से परहेज किया है. बजट में वित्त मंत्री ने आयात शुल्क सहित डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स के लिए टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं होगा. लेकिन उन्होंने बड़ी संख्या में पेंडिंग नॉन-वेरिफाइड, नॉन-रिकंसाइल्ड और डिस्प्यूटेड डायरेक्ट टैक्स डिमांड में छूट देने का वादा किया है. इनमें से कई तो साल 1962 से लंबित हैं.
वित्त मंत्री ने बकाया डायरेक्ट टैक्स डिमांड्स, खासकर वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए ₹25,000 तक की राशि को वापस लेने का प्रस्ताव रखा. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2010-11 से 2014-15 के लिए 10,000 रु. तक की डिमांड वाले टैक्सपेयर्स को राहत देने पर जोर दिया गया.