NPS Rules: 01 फरवरी, 2024 को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 2024-25 का बजट पेश करेंगी. इस अंतरिम बजट में सरकार नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को आकर्षक बनाने के लिए कुछ कदम उठा सकती है. सरकार 75 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए योगदान तथा निकासी पर टैक्स बेनिफिट दे सकती है.
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पेंशन फंड रेगुलेटर PFRDA ने एंप्लॉयर्स द्वारा किए जाने वाले योगदान पर कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय (ईपीएफओ) जैसे टैक्स नियमों की मांग की है. अभी एंप्लॉयर के योगदान पर टैक्स के नियम एनपीएस और ईपीएफओ के लिए अलग-अलग हैं. एनपीएस में कर्मचारियों के फंड में मूल वेतन तथा महंगाई भत्ते के 10 फीसदी तक के कंट्रीब्यूशन पर ही टैक्स से छूट मिलती है. वहीं, ईपीएफओ के मामले में एंप्लॉयी के कॉर्पस में कुल 12 फीसदी तक के योगदान पर टैक्स से छूट मिलती है.
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कंसल्टेंसी और ऑडिट फर्म डेलॉयट की बजट अपेक्षाओं के मुताबिक, सरकार को एनपीएस में लॉन्ग-टर्म सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने की ज़रूरत है. इसके साथ ही 75 साल से ज्यादा उम्र वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए टैक्स में राहत के उपाय होने चाहिए. टैक्स के बोझ को कम करने के लिए एनपीएस के 75 साल से ज्यादा उम्र के सब्सक्राइबर्स के लिए एन्युटी इनकम को टैक्स फ्री कर देना चाहिए. इसके अलावा 75 साल से ज्यादा उम्र के सब्सक्राइबर्स जिन्हें एनपीएस से इनकम होती है, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट दे देनी चाहिये. वर्तमान में एनपीएस में 60 फीसदी विड्रॉल पर टैक्स छूट मिलती है.
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एक्सपर्ट्स नई टैक्स रिजीम के तहत एनपीएस योगदान के लिए टैक्स बेनिफिट की भी मांग उठा रहे हैं. अभी एनपीएस में धारा 80सीसीडी (1बी) के तहत किसी सब्सक्राइबर के 50,000 रुपये तक के योगदान पर पुरानी टैक्स रिजीम के तहत डिडक्शन मिलता है. लेकिन नई टैक्स रिजीम के तहत ये सुविधा नहीं है.
बता दें कि यह ओल्ड टैक्स रिजीम में सेक्शन 80सी के तहत मिलने वाले 1.5 लाख रुपये के टैक्स बेनिफिट से अलग है.
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