What is Budget: 1 फरवरी 2024 को बजट आने वाला है. उससे पहले चलिए जान लेते हैं कि ये बजट होता क्या है और कैसे बनता है.
जैसे हमारे-आपके ज्यादातर घरों में होता है न कि इनकम के मुताबिक बजट बनाया जाता है. बजट में अनुमान लगाया जाता है कि आने वाले एक साल या कुछ निश्चित समय में कहाँ से और कितनी इनकम होगी और उसे खर्च कहाँ और कितना किया जाएगा. ऐसा ही कुछ होता है देश का बजट जिसमें सरकार इनकम और खर्चों का ब्यौरा देती है. इसी के आधार पर तय होता है कि इंफ्रास्ट्रक्चर, सोशल स्कीम, रेलवे समेत सभी सेक्टर्स में कितना पैसा खर्च करना है. यह सुनिश्चित किया जाता है कि पैसा ऐसी जगह निवेश हो जहाँ देश की अर्थव्यवस्था तेज़ी से बढ़े और रोजगार के अवसर मिलें.
अब एक तरह से देखा जाए तो बज़ट एक तरह से अनुमान ही होता है. इस अनुमान की अलग बात ये है कि ये कई तरह के डेटा, सांख्यिकी और साइंटिफिक अप्रोच के आधार पर लगाया जाता है. इससे ये अनुमान और सटीक हो जाता है.
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बजट कई विभागों के आपसी विचार-विमर्श के बाद तैयार होता है जिनमें वित्त मंत्रालय, नीति आयोग और सरकार के कई अन्य मंत्रालय शामिल रहते हैं. खर्च के आधार पर वित्त मंत्रालय गाइडलाइन जारी करता है. वित्त मंत्री अपनी टीम के साथ राजस्व विभाग, देश के उद्योग संघों, वाणिज्य मंडल, ट्रेड यूनियन और किसान संघ जैसे अलग-अलग सभी सेक्टर और इंडस्ट्री के लोगों से मिलती है. इसके अलावा सभी मंत्रालयों, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों, स्वायत्त निकायों और रक्षा बलों को सर्कुलर भी जारी किया जाता है.
इस सर्कुलर में उनसे आगामी वित्त वर्ष के लिए अनुमानित खर्च के आधार पर फंड बताने के लिए कहा जाता है. राजस्व विभाग, वाणिज्य मंडलों, किसान संघों, उद्योग संघों, ट्रेड यूनियनों, अर्थशास्त्रियों जैसे अलग-अलग सेक्टर्स के स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा की जाती है. वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economics Affairs) की 'बजट डिवीजन' सभी के प्वांइट्स और सोशल वेलफेयर को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार करती है. इस पूरी प्रक्रिया में करीब तीन महीने का समय लग जाता है.
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