Cooking Oil की कमतों में पहले ही आग लगी हुई है, और इंडोनेशिया के पाम ऑइल एक्पोर्ट (Palm Oil) पर बैन लगाने के बाद यह और महंगा होने वाला है. इसी बीच मीडिया में खबरें चल रही हैं कि, खाने के तेल के आयात पर लगने वाले सेस में सरकार कटौती का फैसला ले सकती है. यह पैसला इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल के निर्यात पर बैन के बाद भारत में खाने के तेल के दामों में उछाल पर लगाम लगाने के मद्देनजर हो सकता है.
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मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, आम लोगों को महंगे तेल से राहत दिलाने के लिए क्रूड पाम ऑयल पर 5 फीसदी कृषि सेस को शून्य किया जा सकता है. महंगे खाने के तेल के ऑयल इंडस्ट्री भी परेशान है. यही वजह है कि इंडस्ट्री ने सरकार को कैनोला ऑयल पर इंपोर्ट ड्यूटी को 38.5 फीसदी से घटाकर 5.5 फीसदी करने की मांग की है. जिससे कैनोला तेल के आयात को शुरू किया जा सके. आपको बता दें रिफाइंड किया हुआ कैनोला ऑयल सनफ्लावर ऑयल के बदले में इस्तेमाल किया जा सकता है जिसकी रूस यूक्रेन युद्ध के चलते सप्लाई बाधित हुई है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा है कि इंडोनेशिया द्वारा बैन लगाये जाने के बावजूद भारत में एडिबल ऑयल की पर्याप्त मात्रा में है. सोयाबीन प्रोडक्शन 2021-22 में 126.10 मिलियन टन रहा है जो कि बीते वर्ष के 112 मिलियन टन से ज्यादा है. सरसों की बुआई भी 37 फीसदी ज्यादा हुई है.