रूस-यूक्रेन झगड़े के चलते कच्चे तेल की कीमत 130 डॉलर प्रति बैरल हो गई है. जो कि पिछले 13 साल में सबसे अधिक है. इससे पहले जुलाई 2008 में कच्चे तेल की कीमत इतने ऊंचे स्तर पर पहुंची थी.
अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 8.54 फीसदी की बढ़त लेते हुए 128.20 डॉलर पर पहुंच गया था. रविवार की शाम अमेरिकी क्रूड ऑयर व्यापार में 7 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई थी. जिस वजह से कच्चे तेल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं.
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कुछ समय बाद ब्रेंट क्रूड एक वक्त 139.13 डॉलर के उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो जुलाई 2008 के ऐतिहासिक ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद का उच्चतम स्तर भी है. रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के कारण अमेरिका और उसके सहयोगी रूसी तेल और प्राकृतिक गैस के आयात पर प्रतिबंध लगाने पर भी विचार कर रहे हैं.
हालांकि घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. लेकिन उम्मीदें जताई जा रही हैं कि, पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी उछाल देखा जा सकता है.