Deloitte to resign as Adani Ports auditor: अरबपति कारोबारी गौतम अडानी की कंपनी अडानी पोर्ट्स को एक बड़ा झटका लग सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अडानी पोर्ट्स का ऑडिट करने वाली फर्म डेलॉएट ने इस्तीफा देने का फैसला किया है.
डिलोएट का कहना है कि वह समूह के कुछ दावों को वेरिफाई नहीं कर पा रहा था.
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समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि डेलॉएट हिंडनबर्ग रिपोर्ट की रिपोर्ट में सामने आए कुछ ट्रांजैक्शन्स को लेकर चिंतित थी और इसकी स्वतंत्र जांच करना चाहती थी जिसकी अनुमति कंपनी ने नहीं दी.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट से हिल गया था अडानी ग्रुप
इससे पहले जनवरी में अडानी समूह हिंडनबर्ग के लगाए आरोपों को लेकर घेरे में था.
यह ख़बर ऐसे वक्त में सामने आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग से जुड़ी एक रिपोर्ट सेबी से रिपोर्ट 14 अगस्त तक सौंपने को कहा है. हालांकि कोर्ट के बनाए एक पैनल ने अडानी ग्रुप को इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आने पर अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्यू को करीब 150 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था. हालांकि बाद में समूह अपने कर्ज़ चुकाकर और निवेशकों का भरोसा जीतकर इससे काफी हद तक उबर गया था.
अडानी समूह अपने ऊपर लगे अनियमितता के सभी आरोपोंपों को सिरे से ख़ारिज करता रहा है.
यह ख़बर सामने आने के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी भी शुरू हो गईं. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करके कहा, “अब मुझे इंतज़ार है कि ईडी और सीबीआई कब डेलॉएट पर रेड डालती हैं. आखिर वह सरकरा के सबसे प्यारे ग्रुप के ऑडिट से इनकार कैसे कर सकती है?”