Higher Pension Deadline Extended: कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत हायर पेंशन (Higher Pension) ऑप्शन के लिए डिटेल भरने की डेडलाइन को आगे बढ़ा दिया है. अब इसकी लास्ट डेट 5 महीने बढ़ाकर 31 मई, 2024 तक कर दी गई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा मामले पर आधिकारिक जानकारी शेयर करते हुए कहा गया है कि अब नियोक्ताओं को ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा और वह अपने कर्मचारियों के लिए हायर पेंशन डिटेल्स मई तक भर सकते हैं.
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हायर पेंशन का विकल्प चुनने के लिए जुलाई 2023 तक कुल 17.49 लाख कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के एप्लीकेशन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 3.6 लाख सिंगल या ज्वाइंट ऑप्शन एप्लीकेशन अभी नियोक्ताओं के पास पड़े हैं, जिनकी प्रोसेसिंग अभी बाकी है. ऐसे में डेडलाइन बढ़ने के बाद नियोक्ताओं को इन कर्मचारियों के एप्लीकेशन की प्रोसेसिंग का अधिक समय मिल जाएगा.
हर महीने कर्मचारी की बेसिक सैलरी (Baisc Salary) और डीए (Dearness Allowance) से 12 फीसदी राशि ईपीएफ अकाउंट में डिपॉजिट होती है और इतनी ही राशि नियोक्ता/ कंपनी कर्मचारी के अकाउंट में जमा करता है. बता दें कि नियोक्ता/ कंपनी की तरफ से जमा की गई 12 फीसदी राशि का 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) और 3.67 फीसदी कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जाता है. हालांकि, ये 8.33% राशि 15,000 के कैप के हिसाब से ही जमा की जाती है, चाहे कर्मचारी की सैलरी इससे कहीं ज्यादा क्यों न हो.
साल 1995 में सरकार ने ईपीएफ एक्ट के सेक्शन 6ए के तहत पेंशन स्कीम, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 यानी EPS-95 को लागू किया. 1 सिंतबर 2014 से पहले EPS अकाउंट में अधिकतम मंथली कॉन्ट्रीब्यूशन 5000/6500 रुपए का कैप के आधार पर होता था. इसके बाद ये कैप बढ़ाकर 15,000 कर दिया गया. यानी कि जब पेंशन कैप 6,500 रुपए था तब अधिकतम 541 रुपए ईपीएस अकाउंट में जा सकते थे. और 15,000 रु. के पेंशन कैप पर 1,250 रुपए पेंशन फंड में जा सकते हैं.
मार्च 1996 में EPS-95 के पैरा 11(3) में एक प्रावधान जोड़ा गया. इसके तहत EPFO मेंबर्स अपने ईपीएस अकाउंट में पूरी सैलरी (बेसिक + महंगाई भत्ता) के 8.33% तक योगदान कर सकते हैं. बता दें कि EPFO ने कर्मचारियों को हायर पेंशन योगदान के लिए जॉइंट ऑप्शन फॉर्म फाइल करने के लिए छह महीने का समय दिया था. जो कर्मचारी EPS-95 का हिस्सा थे या जिन्होंने 1 सितंबर 2014 से पहले EPFO जॉइन किया था, वे सभी लोग हायर पेंशन का विकल्प चुन सकते थे. इसके लिए जॉइंट ऑप्शन फॉर्म को भरना ज़रूरी था जिसकी डेडलाइन 28 फरवरी 2015 थी.
लेकिन हायर पेंशन को लेकर 2014 में किए गए नियमों में बदलाव के बाद कई कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें ये बात पता ही नहीं थी कि हायर पेंशन के लिए उन्हें जॉइंट ऑप्शन चुनना है. वहीं, जॉइंट ऑप्शन चुनने के बावजूद कुछ कर्मचारियों के फॉर्म रिजेक्ट कर दिए गए. ऐसे में कई कर्मचारियों इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट में गया.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में जो कहा:
1. जो कर्मचारी 01/09/2014 को सर्विस में थे. उन्होंने जॉइंट ऑप्शन चुना, लेकिन EPFO ने रिजेक्ट कर दिया. वो हायर पेंशन के लिए क्लेम एप्लीकेशन फाइल कर सकते हैं.
2. जो कर्मचारी 01/09/2014 को सर्विस में थे और उन्होंने जॉइंट ऑप्शन नहीं चुना, लेकिन 5,000 रु./ 6,500 रु. के कैप से अधिक राशि ईपीएफ में कॉन्ट्रिब्यूट कर रहे थे, वे जॉइंट ऑप्शन चुनकर हायर पेंशन के लिए क्लेम कर सकते हैं.
3. जो कर्मचारी 01/09/2014 से पहले रिटायर हो चुके हैं. उन्होंने जॉइंट ऑप्शन चुना, लेकिन EPFO ने रिजेक्ट कर दिया, वे भी हायर पेंशन के लिए क्लेम एप्लीकेशन फाइल कर सकते हैं.
4. जो कर्मचारी 01/09/2014 से पहले रिटायर हो चुके हैं. उन्होंने जॉइंट ऑप्शन नहीं चुना. ऐसे लोग हायर पेंशन के लिए क्लेम नहीं कर सकते.
आप हायर पेंशन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से अप्लाई कर सकते हैं. यहां हम आपको ऑनलाइन प्रकिया के बारे में बता रहे हैं.
1. सबसे पहले EPFO के ई-सेवा पोर्टल पर जायें
2. यहां 'पेंशन ऑन हायर सैलरी' (Pension on Higher Salary) पर क्लिक करें
3. इसके बाद आपके सामने दो ऑप्शन होंगे जिनमें से आपको एक सलेक्ट करना होगा
4. पहला ऑप्शन उनके लिए है जो लोग 1 सितंबर 2014 से पहले रिटायर हो चुके हैं
5. दूसरा उनके लिए जो अभी भी नौकरी में हैं
6. इसके बाद UAN, नाम, जन्म तिथि, आधार, मोबाइल और कैप्चा जैसी डिटेल्स भरें
7. आधार लिंक्ड मोबाइल नंबर पर OTP आएगा जिसे आपको दर्ज करना होगा.
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