कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मेडिकल क्लेम को आसानी से निकालने के लिए बदलाव किए है. ईपीएफओ ने पीएफ विड्रॉल के नियमों में बदलाव किए है जिससे कर्मचारी मेडिकल जरूरतें आने पर आसानी से ज्यादा पैसों की निकासी कर सकते है. इस बदलाव से इलाज के लिए पीएफ से पैसे निकालना आसान हो जायेगा.
ईपीएफओ ने 16 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी किया. ईपीएफओ के सर्कुलर के मुताबिक, यह बदलाव पैराग्राफ 68जे के तहत ऑटो क्लेम प्रोसेसिंग (ऑटो विड्रॉल) की लिमिट को लेकर किया गया है. पहले पैराग्राफ 68जे के अनुसार पीएफ से पैसे निकालने की लिमिट 50 हजार रुपये थी, अब उसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये तक कर दिया गया है. अगर कोई ईपीएफओ सब्सक्राइबर अपने पीएफ अकाउंट से मेडिकल जरूरतों के लिए 1 लाख रुपये तक के विड्रॉल का एप्लीकेशन करता है तो उसकी प्रोसेसिंग ऑटो मोड में हो जाएगी.
कर्मचारी को अगर आपातकालीन समय में पैसे की जरुरत पड़ती है, तब मकान खरीदने, मकान बनाने, शादी-विवाह, बच्चों की पढ़ाई आदि जैसी जरूरतों के लिए सब्सक्राइबर पैसे निकाल सकते है. पैराग्राफ 68जे के तहत पीएफ से एडवांस विड्रॉल किया जा सकता है. इसमें अगर सब्सक्राइबर या डिपेंडेंट एक महीने से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहते हों या टीबी, लेप्रोसी, पैरालिसिस, कैंसर, मेंटल इलनेस, हार्ट की कोई बीमारी आदि से पीड़ित हों तो 68जे के तहत क्लेम किया जा सकता है.
कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने मेडिकल क्लेम को आसानी से निकालने के लिए बदलाव किए है. ईपीएफओ ने पीएफ विड्रॉल के नियमों में बदलाव किए है जिससे कर्मचारी मेडिकल जरूरतें आने पर आसानी से ज्यादा पैसों की निकासी कर सकते है. इस बदलाव से इलाज के लिए पीएफ से पैसे निकालना आसान हो जायेगा. आपको बता दे, 68जे के तहत अनुसार पीएफ से पैसे निकालने की लिमिट 50 हजार रुपये थी, अब उसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये तक कर दिया गया है.