पैरासिटामोल (Paracetamol) जैसी कुछ बेहद जरूरी दवाओं की कीमतें (Essential medicines to get expensive) बढ़ सकती हैं. नेशनल लिस्ट ऑफ एजेंशियल मेडिसिंस (NLEM) यानि की वह दवाएं जो आवश्यक हैं, इस लिस्ट में शामिल लगभग 800 दवाइयों की कीमत अप्रैल से 10.7% बढ़ सकती हैं. इसके पीछे की वजह थोक मूल्य सूचकांक (WPI) में तेज बढ़ोतरी बताई जा रही है.
इन दवाओं में बुखार, इन्फेक्शन, हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर, स्किन रोग और एनीमिया के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं शामिल हैं. पैरासिटामोल (Paracetamol), फेनोबार्बिटोन (Phenobarbitone), फिनाइटोइन सोडियम (Phenytoin Sodium), एजिथ्रोमाइसिन (Azithromycin), सिप्रोफ्लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड (Ciprofloxacin Hydrochloride) और मेट्रोनिडाजोल (Metronidazole) जैसी दवाएं इसमें हैं.
भारत में जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची में आने वाली दवाइयों के दाम में हर साल बढ़ोतरी थोक मूल्य सूचकांक के आधार पर होती है. इन आवश्यक दवाइयों को खुदरा बिक्री के अलावा सरकार के कई स्वास्थ्य कार्यक्रमों और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में इस्तेमाल किया जाता है. 1 अप्रैल 2022 से दवाओं की नई कीमतें प्रभावी हो जाएंगी.