रूस-यूक्रेन झगड़े (Russia-Ukraine War) के कारण जल्द ही भारत में खाद (fertilizer) की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. दरअसल आयात किए जाने वाले खाद पर सरकार को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है.
पुतिन ने पश्चिमी देशों को धमकी देते हुए कहा है कि वे क्रेमलिन से होने वाले खाद के इंपोर्ट को प्रतिबंधित कर देंगे, जिससे पूरी दुनिया में खाद की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हो सकती है. अगर ऐसा होता है तो भारत के लिए यह स्थिति निश्चित रूप से चिंता का कारण बन सकती है.
खाद आयात के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है. देश मुख्य रूप से यूरिया और डाइ-अमोनियम फॉस्फेट का आयात करता है. खाद जरूरतों का लगभग एक तिहाई आयात किया जाता है. रूस से होने वाला इंपोर्ट पिछले तीन सालों में तीन गुना हो गया है.
भारत रॉक फॉस्फेट खाद की 90 फीसदी आपूर्ति आयात के जरिए करता है और इसका 60 फीसदी हिस्सा रूस से आता है. कोयले और गैस की कीमतें बढ़ने से पिछले साल खाद की कीमतों में 200 फीसदी की भारी बढ़ोतरी हुई है.
बता दें कि, रूस-यूक्रेन झगड़े से पहले ही खाद सप्लाई की भारी कमी चल रही है और बड़े पैमाने पर काला बाजारी के चलते खुदरा कीमतें 150 फीसदी तक बढ़ गई हैं.