देश में युवाओं की भारी संख्या है, युवा निवेशक लगातार निवेश करने के तौर तरीके में बदलाव कर रहे है. पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है. एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कहा गया है, कि यूथ इन्वेस्टमेंट के तरीकों में लगातार बदलाव कर रहा है. मिलेनियल्स निवेश के तरीकों में बदलाव ला रहे है. 'फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग' एक नया टर्म सामने आया है, इस नए निवेश के तरीके को अपनाकर यूथ अपने कमाए गए पैसे को अलग-अलग चीजों में निवेश कर रहा है. ग्रिप इनवेस्ट की रिपोर्ट के अनुसार फ्रैक्शनल इनवेस्ट करने वालों में करीब 60% यूथ हैं.
'फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग' ऐसे लोगों के अच्छा ऑप्शन है जो शेयर बाजार से बाहर की चीजों में निवेश करना चाहते हैं. इसमें आपको किसी भी चीज को पूरा खरीदने की जरूरत नहीं होती, बल्कि आप उसका एक छोटा हिस्सा खरीद सकते हैं. यह हिस्सा किसी एक्सपेंसिव आर्ट का, पुरानी कार का, किसी बड़ी कमर्शियल प्रॉपर्टी का या बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी के शेयर का भी हो सकता है.
निवेशक पूर्ण शेयरों के साथ-साथ शेयरों के कुछ हिस्सों के भी मालिक हो सकते हैं. 1 यूनिट से कम किसी भी चीज़ को आंशिक खरीदारी माना जाता है, यह निवेशकों को किसी सूचीबद्ध कंपनी में किसी भी अंश या रूपए के मूल्य का व्यापार करने की अनुमति देता है. आप अपनी सुविधा के अनुसार 50 रुपए के मूल्य के शेयर खरीद सकते हैं या किसी कंपनी के 0.05 शेयर खरीद भी सकते हैं इसे ही 'फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग' कहा जाता है.
हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट 'ग्रिपिंग द बूम: मिलेनियल्स इन फ्रैक्शनल इन्वेस्टिंग' से सामने आया है कि किस तरह लोग निवेश के तरीकों में बदलाव कर रहे हैं. यह फ्रैक्शनल इनवेस्टमेंट के कारण हो रहा है. पहले जिन चीजों में लोग सीधे तौर पर निवेश नहीं कर पाते थे, अब उनमें में थोड़ा पैसा लगा सकते हैं. अब प्राइवेट इक्विटी (private equity), आर्ट (art) और कलेक्टेबल्स (collectibles) चीजों में निवेश किया जा सकता है. Grip Invest के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 60% लेनदेन 40 साल से कम उम्र के लोगों की तरफ से किया जाता है. इतना ही नहीं 21 साल की उम्र का यूथ भी ज्यादा प्रॉफिट देने वाली चीजों में निवेश कर रहा है.