केन्द्र सरकार ने बीते वित्त वर्ष के लिए देश की जीडीपी के आंकड़े (GDP figures) जारी कर दिए हैं. जिसके मुताबिक वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की आर्थिक विकास दर 8.7 फीसदी रही जबकि चौथी तिमाही (GDP Data for 4th Quarter) में ये दर 4.1 फीसदी रही. दूसरे शब्दों में कहें तो चौथी तिमाही में भारत की विकास दर थोड़ी कम हुई है जबकि 2020-21 वित्तीय वर्ष के मुकाबले देश में तरक्की की रफ्तार बढ़ी है.
चौथी तिमाही में GDP में गिरावट की बड़ी वजह महंगाई (Inflation) को मानी जा रही है. बता दें कि तीसरी तिमाही में यह दर 5.4 फीसदी तो दूसरी तिमाही में 8.5 फीसदी थी. पूरी तस्वीर की बात करें तो सरकार का अनुमान इस साल विकास दर 8.9 फीसदी रहने का था जो 8.7 फीसदी रहा. रूस-यूक्रेन युद्ध को भी इसकी एक वजह बताया जा रहा है.
हालांकि आर्थिक मोर्चे पर पॉजिटिव खबर भी है. सरकार वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटे को बजट अनुमान से कम रखने में कामयाब रही है. सरकार का बजट में इस घाटे का अनुमान 6.9 फीसदी था जो वास्तव में 6.71 फीसदी रहा. बता दें कि राजकोषीय घाटा उस रकम को कहते हैं, जो सरकार की कुल कमाई और खर्च के बीच का अंतर है.