Global Recession: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने विश्वव्यापी मंदी की चेतावनी दी है. आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने गुरुवार को दुनियाभर के नीति निर्माताओं (global policymakers) से खतरनाक 'न्यू नॉर्मल' से बचने के लिए नीतिगत बदलाव की अपील की है साथ ही इस मुद्दे पर नीति निर्धारकों को एक साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि अगले वर्ष एक तिहाई देशों को दो तिमाही तक मंदी के हालात का सामना करना पड़ सकता है. ऐसे में आईएमएफ अपनी आर्थिक अनुमानों को घटाने की तैयारी कर रहा है.
Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ी ओलंपिक का आगाज, कभी कंच्चे खेलते नजर आए तो कभी बने रेफरी
IMF चीफ ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) को बीते कुछ समय में एक के बाद एक कई बड़े झटके लगे हैं. इससे दुनियाभर में मंदी का खतरा काफी बढ़ गया है. ऐसे में खतरनाक 'New Normal' से बचने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे ताकि ग्लोबल इकोनॉमी को स्थिर किया जा सके. इस दौरान Kristalina Georgieva ने बढ़ती महंगाई (Inflation) का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी कोरोना महामारी, रूस और यूक्रेन युद्ध और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से जूझ रही है. उन्होने कहा कि लोगों की आय का कम होना और महंगाई में बढ़ोतरी का सीधा-सा मतलब है कि कई देश मंदी की चपेट में आ जाएंगे.
क्रिस्टालिना ने कहा कि महंगाई (Inflation) जैसी चुनौतियों से हमें जल्द निपटना होगा. अगर केंद्रीय बैंक महंगाई को रोकने के लिए आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में बढ़ोतरी (Interest Rate Hike) करना जारी रखते हैं, तो ये लंबे समय तक आर्थिक मंदी की वजह बन सकता है. उन्होंने कहा कि महंगे खाद्य वस्तुओं का बड़ा असर इमर्जिंग अर्थव्यवस्थाओं पर देखा जा रहा है जिससे कर्जदार देशों पर कर्ज का संकट बढ़ता जा रहा है. चलिए जानते हैं कि
लंबे समय तक देश की अर्थव्यवस्था का सुस्त पड़ना
देश की इकोनॉमी का नेगेटिव ग्रोथ की ओर बढ़ना
दो लगातार क्वार्टर में जीडीपी जीरो से नीचे होना
जीडीपी कम होना, रिटेल सेल में कमी आना
कंपनियों से छटनी और नई नौकरियों में कमी
ओपेक का कच्चे तेल उत्पादन में कटौती का फैसला
20 लाख बैरल प्रतिदिन की सबसे बड़ी कटौती
अर्थव्यवस्थाओं में तेजी के लिए दिए गए आर्थिक पैकेज
चीन की ओर से चीज़ों की सप्लाई चेन में बाधा
रूस और यूक्रेन के बीच लंबा चल रहा युद्ध
हालांकि आईएमएफ चीफ ने उम्मीद जाहिर की कि ग्लोबल इकोनॉमी पर जो संकट आया है ये हमेशा के लिए नहीं रहने वाला है.